facebookmetapixel
हाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपीJK Tyre का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में निर्यात हिस्सेदारी को 20% तक पहुंचाने का, यूरोपीय बाजारों पर फोकस

Paris Olympics: चिराग-सात्विक के ओलंपिक पदक न जीत पाने के बाद कोच मथियास बो ने लिया संन्यास

Mathias Boe ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि आप लोग निराश हैं, मैं जानता हूं कि आप भारत के लिए पदक लाना चाहते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।’’

Last Updated- August 03, 2024 | 4:54 PM IST
Paris Olympics: Coach Mathias Boe retires after Chirag-Satwik fail to win Olympic medal Paris Olympics: चिराग-सात्विक के ओलंपिक पदक जीतने में विफल रहने के बाद कोच मथियास बो ने लिया संन्यास

Paris Olympics 2024, Mathias Boe: सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के कोच मथियास बो (Mathias Boe) ने भारत की शीर्ष बैडमिंटन जोड़ी के पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद कोचिंग से संन्यास लेने की घोषणा की। सात्विक और चिराग गुरुवार को यहां पुरुष युगल क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक से 21-13, 14-21, 16-21 से हार गए।

लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता बो तोक्यो ओलंपिक से पहले चिराग और सात्विक के कोच के रूप में उनसे जुड़े थे। डेनमार्क के 44 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी बो ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, ‘‘मेरे लिए, कोचिंग के दिन यहीं खत्म हो जाते हैं, मैं कम से कम अभी भारत या कहीं और नहीं जारी नहीं रखूंगा। मैंने बैडमिंटन हॉल में बहुत अधिक समय बिताया है और कोच बनना भी काफी तनावपूर्ण है, मैं एक थका हुआ बूढ़ा आदमी हूं।’’

पेरिस में पुरुष युगल वर्ग में सात्विक और चिराग पदक के दावेदार थे और बो ने उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद भी इस भावना को अच्छी तरह से जानता हूं। हर दिन कड़ी मेहनत करना, अपने जीवन में सर्वश्रेष्ठ लय में रहना और फिर चीजें वैसी नहीं होतीं जैसी आप उम्मीद करते हैं।’’

बो ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि आप लोग निराश हैं, मैं जानता हूं कि आप भारत के लिए पदक लाना चाहते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।’’

हालांकि बो ने कहा कि भले ही उनके शिष्य पेरिस से पदक लेकर वापस नहीं लौटे लेकिन वह एक संतुष्ट व्यक्ति के रूप में पद छोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास गर्व करने के लिए सब कुछ है। आपने इस ओलंपिक शिविर में कितनी मेहनत की है, चोटों से जूझते हुए, दर्द को कम करने के लिए इंजेक्शन भी लिए हैं, यह समर्पण है, यह जुनून है।

First Published - August 3, 2024 | 4:53 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट