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बस श्रेणी में चौथी तिमाही से मांग में सुधार के आसार

Last Updated- December 12, 2022 | 10:42 AM IST

कोविड-19 वैश्विक महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बाद यात्री वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में सुधार दिखना अभी बाकी है। इसमें खास तौर पर बस श्रेणी में कमजोर मांग के कारण विनिर्माताओं की चिंता बरकरार है। हालांकि कंपनियों को अब स्टाफ श्रेणी से सुधार के संकेत दिखने लगे हैं और उम्मीद की जा रही है कि एसटीयू (राज्य परिवहन निगम) से वृद्धि को उल्लेखनीय रफ्तार मिल सकती है।
समझा जाता है कि एयटीयू अपने बेड़े में 5,000 से अधिक नए बसों को शामिल करने की योजन बना रहे हैं। लॉकडाउन में रियायत मिलने के साथ ही अगले 6 महीनों के दौरान अन्य श्रेणियों से भी मांग बढऩे के असार दिख रहे हैं। उद्योग के आकलन के अनुसार, बसों की कुल मात्रात्मक बिक्री में पिछले साल के मुकाबले लगभग 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। लॉकडाउन के कारण पैदा हुई परिस्थितियों, जैसे स्कूलों का अस्थायी तौर पर बंद होना, अधिकतर कर्मचारियों को घर से काम करना और बसों का परिचालन कम होने से ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग्स की आय प्रभावित होने से बस श्रेणी को तगड़ा झटका लगा।
वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स के उपाध्यक्ष (प्रोडक्ट लाइन, बस) रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि आज कर्मचारियों की मांग ही बस उद्योग को संचालित कर रही है। पिछले 3 से 4 महीनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में दफ्तरों के खुलने के साथ ही मांग बढऩे लगी है। खासकर विनिर्माण, फार्मा आदि क्षेत्रों में कर्मचारियों की आवाजाही के लिए बसों की तैनाती बढ़ रही है।
स्कूलों के बंद होने के कारण स्कूल बसों के लिए मांग फिलहाल नहीं दिख रही है। हालांकि कुछ राज्यों में सीनियर क्लास के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। लेकिन अधिक से अधिक राज्यों में स्कूलों को खोलने की अनुमति दिए जाने के साथ वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही से मांग में सुधार होने की उम्मीद है।
जहां तक टाटा मोटर्स का सवाल है तो पिछले वर्षों के दौरान उसके कुल वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में यात्री वाणिज्यिक वाहनों का योगदान करीब 10 फीसदी रहा है। इस साल कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण यात्री वाणिज्यिक वाहनों की कमजोर मांग के मद्देनजर टाटा मोटर्स के कुल वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में यात्री वाणिज्यिक वाहनों का योगदान 3 से 5 फीसदी रहने के आसार हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि नई तकनीक के जरिये कंपनी स्वामित्व की कुल लागत (टीसीओ) को सबसे कम सुनिश्चित कर रही है। इससे वैश्विक महामारी केमौजूदा कठिन दौर में भी लाभप्रदता की पेशकश की जा सकती है।
टाटा मोटर्स नए उत्सर्जन मानकों के अनुसार वाहनों में सुधार के बारे में भी विभिन्न हितधारकों को जागरूक करने के लिए बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम बॉडी के लिए कस्टमाइज्ड विकल्प भी प्रदान करते हैं जो बेहतर प्रदर्शन के लिए ग्राहकों की मांग के साथ-साथ तमाम ऐप्लिकेशन के लिए सबसे उपयुक्त है।’
वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड के सीओओ अनुज कथूरिया ने कहा कि बस श्रेणी में वृद्धि को दिखना अभी बाकी है क्योंकि स्कूल क्षेत्र से मांग बिल्कुल नहीं है। लेकिन निर्धारित परिवहन श्रेणी से हाल के महीनों में मांग बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्य परिवहन निगमों की ओर से निविदाएं जारी की गई हैं जिनमें दिल्ली, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, बिहार, चंडीगढ़ आदि शामिल हैं।
अशोक लीलैंड को राज्य परिवहन निगमों से कुछ ऑर्डर मिले हैं और चौथी तिमाही के दौरान काफी ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।

First Published - December 22, 2020 | 12:39 AM IST

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