इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माताओं के लिए आसमान छूते ईंधन के दाम और सरकारी सब्सिडी किसी वरदान से कम नहीं है। अधिकतर विनिर्माताओं ने आपूर्ति से अधिक मांग होने की बात कही है जिससे उन्हें अपनी निर्धारित योजना से पहले क्षमता विस्तार करना पड़ रहा है।
एथर एनर्जी ने सोमवार को कहा था कि उसने अपने दूसरी संयंत्र को चालू कर दिया है क्योंकि होसुर में उसके मौजूदा संयंत्र का परिचालन अधिकतम क्षमता पर हो रहा है। होसुर संयंत्र की स्थापित क्षमता सालाना 1,20,000 वाहनों के उत्पादन की है। चालू होने के महज 10 महीने के भीतर इस संयंत्र का परिचालन अधितम क्षमता पर होने लगा। हीरो मोटोकॉर्प के निवेश वाली इस कंपनी ने पिछले साल महीनों के दौरान मांग में चार गुना वृद्धि दर्ज की है।
एथर एनर्जी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) तरुण मेहता ने कहा, ‘ग्राहक चाहते हैं इलेक्ट्रिक स्कूटर उन्हें आकर्षित करे। ग्राहकों की इसी उम्मीद से 450 शृंखला- 450एक्स और 450प्लस- के लिए मांग को रफ्तार मिल रही है।’ पेट्रोल इंजन वाले दुनिया के सबसे बड़े दोपहिया बाजार में बैटरी से चलने वाले दोपहिया वाहनों की पैठ तेजी से बढ़ रही है। इस तेजी के मद्देनजर अनुसंधान फर्म इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए अपने अनुमान में संशोधन करते हुए उसे बढ़ा रहे हैं। उदाहरण के लिए, नोमुरा रिसर्च का मानना है कि 2030 तक कुल दोपहिया बाजार में इस श्रेणी का योगदान 30 फीसदी से अधिक होगा। नोमुरा रिसर्च के प्रमुख (ऑटोमोटिव रिटेल प्रैक्टिस) हर्षवर्धन शर्मा ने कहा, ‘चाहे एथर एनर्जी हो अथवा कोई अन्य विनिर्माता कमजोर आधार के कारण अपना उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। ओला इलेक्ट्रिक को छोड़कर सभी ने एक कमजोर आधार पर अपना परिचालन शुरू है।’
शर्मा ने कहा, ‘दूसरों को भी इसका फायदा मिलेगा। इसलिए इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए किए गए अनुमानों को संशोधित करना विवेकपूर्ण होगा खासकर चिप किल्लत के मद्देनजर। हम संशोधित अनुमान पर अभी भी काम कर रहे हैं।’
एथर का नया संयंत्र अगले साल तक चालू होने की उम्मीद है। उसकी स्थापित क्षमता सालाना 4 लाख वाहनों के उत्पादन की होगी। अपनी विस्तार योजनाओं को रफ्तार देने के लिए एथर ने अगले पांच साल के दौरान 650 करोड़ रुपये के निवेश की रूपरेखा तैयार की है। कंपनी की बिक्री में नवंबर 2020 से महीना दर महीना 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा रही है।
हीरो इलेक्ट्रिक के नेतृत्व में इस क्षेत्र ने अक्टूबर में समाप्त सात महीनों के दौरान पहली बार 50,000 से अधिक वाहनों की बिक्री की। उसने अगले पांच साल तक हर साल 10 लाख वाहनों की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लहर का फायदा उठाया जा सके। अन्य कंपनियां भी अपनी निर्धारित योजना से पहले क्षमता विस्तार पर ध्यान दे रही हैं।
कोयंबटूर की कंपनी बूम मोटर्स ने 12 नवंबर को अपनी इलेक्ट्रिक बाइक कॉर्बेट के लिए बुकिंग शुरू की थी। महज 17 दिनों के भीतर उसे 36,000 वाहनों के लिए पूर्व-ऑर्डर मिल गया। इसे देखते हुए कंपनी कोयंबटूर में एक नया कारखाना स्थापित करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया है। बांग्लादेश, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की जैसे देशों से निर्यात के लिए बूम से पूछताछ की जा रही है।
पिछले सप्ताह ग्रीव्स कॉटन ने तमिलनाडु के रानीपेट में एक नए इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र की क्षमता सालाना 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने की है। ग्रीव्स कॉटन के प्रबंध निदेशक नागेश बसावनहल्ली ने कहा, ‘हमारे कुछ मॉडलों के लिए प्रतीक्षा अवधि आठ सप्ताह तक है।’
सिंपल एनर्जी के संस्थापक एवं सीईओ सुहास राजकुमार ने कहा कि कंपनी के प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन सिंपल वन के अनावरण के बाद कंपनी को ग्राहकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।
