यात्री वाहनों की बिक्री को देश के आर्थिक परिदृश्य का अहम संकेतक माना जाता है। लेकिन अगस्त में कारों की बिक्री की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की किल्लत के कारण कार विमिर्नाताओं को अपने उत्पादन में भी कटौती करनी पड़ी है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में ऑटोमोटिव इकाई के मुख्य कार्याधिकारी विजय नाकरा ने कहा, ‘यात्री वाहनों की बिक्री अगस्त में पिछले महीने की तुलना में 17 फीसदी बढ़ी है लेकिन सेमीकंडक्टर की कमी लगातार बनी हुई है जो वाहन उद्योग के लिए चिंता का विषय है।’
देश की प्रमुख कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजूकी की बिक्री अगस्त 19 फीसदी घटकर 1,30,699 कारों की रही। जुलाई में कंपनी ने 1,62,462 कारें बेची थीं। सितंबर में भी कंपनी के उत्पादन में कमी आने की आशंका है क्योंकि मारुति सुजूकी ने अपने उत्पादन में 60 फीसदी कटौती की घोषणा की है। इसकी वजह यह है कि सबसे बड़ी चिप आपूर्तिकर्ता कंपनी बॉश ने मलेशिया में महामारी के कारण अपना संयंत्र बंद कर दिया है।
ऑल्टो और एसप्रेसो की बिक्री 20,461 कारों की रही, वहीं वैगन आर, स्विफ्ट, बलेनो, सेलेरियो, इगनिश, डिजायर और टूर एस की कुल बिक्री 45,557 कारों की रही, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 26.43 फीसदी कम है। कंपनी ने कहा कि अगस्त में कारों की बिक्री इलेक्ट्रॉनिक पुर्जों की कमी के कारण प्रभावित हुई है। कंपनी इसके प्रतिकूल प्रभाव को कम करने का हरसंभव प्रयास कर रही है।
हुंडई की घरेलू बाजार में बिक्री महज 2 फीसदी बढ़कर 46,866 कारों की रही। कंपनी ने कहा कि पिछले साल इस दौरान 45,809 कारों की बिक्री हुई थी। टाटा मोटर्स ने अगस्त में घरेलू बाजार में 28,018 कारें बेचीं, जो पिछले साल अगस्त के 18,583 कारों की तुलना में 51 फीसदी अधिक है। लेकिन सेमीकंडक्टर की कमी के कारण जुलाई की तुलना में टाटा मोटर्स की बिक्री 7 फीसदी कम रही है।
कंपनी आने वाले महीनों में सेमीकंडक्टर की किल्लत को लेकर सतर्क है। कंपनी ने कहा कि पूर्वी एशिया में हालिया लॉकडाउन से आपूर्ति और प्रभावित हुई है। ऐसे में टाटा मोटर्स को आने वाले महीनों के लिए उत्पादन की रफ्तार घटाने पर मजबूर होना पड़ा है। टाटा मोटर्स ने कहा, ‘स्थिति गंभीर है और हम इसके प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।’