भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आधिकारिक तौर पर टीम इंडिया के लीड स्पॉन्सरशिप राइट्स के लिए बोली प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड ने “प्रतिष्ठित कंपनियों” को 2 सितंबर से 16 सितंबर के बीच आवेदन देने के लिए बुलाया है। सरकार के ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025 को लागू करने के बाद तमाम रियल मनी गेम पर बैन लग गया। इससे इस सेक्टर की लीडिंग गेमिंग कंपनी ड्रीम11 का ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग धंधा भी बंद हो गया और उसने टीम इंडिया के स्पॉन्सर से कदम पीछे खींच लिए थे।
2 सितंबर को पब्लिश किए गए आमंत्रण में स्पष्ट किया गया है कि BCCI एक लॉन्ग टर्म कमर्शियल पार्टनरशिप की तलाश में है, जो आगामी एशिया कप से आगे जाकर 2027 के ODI वर्ल्ड कप जैसे प्रमुख टूर्नामेंट तक चले। 28 अगस्त को अंतरिम अध्यक्ष राजीव शुक्ला की अध्यक्षता में हुई आपातकालीन एपेक्स काउंसिल बैठक में बोर्ड ने यह जोर दिया कि वह केवल एशिया कप (9 सितंबर से शुरू) के लिए ब्रांडिंग के उद्देश्य से जल्दबाजी में किसी स्पॉन्सर के साथ समझौता नहीं करेगा।
साथ ही, महिला राष्ट्रीय टीम 30 सितंबर से अपने घरेलू वर्ल्ड कप अभियान की शुरुआत करेगी, जिससे BCCI के लिए उपयुक्त लीड स्पॉन्सर खोजने की प्रक्रिया और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
चूंकि बोली जमा करने की अंतिम तारीख 16 सितंबर है, ऐसे में यह लगभग तय है कि एशिया कप 2025 में भारत बिना लीड स्पॉन्सर के खेलेगा। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत अपनी मुहिम 10 सितंबर को यूएई के खिलाफ शुरू करेगा। वहीं, हमेशा चर्चा में रहने वाला भारत बनाम पाकिस्तान मैच 14 सितंबर को खेला जाएगा।
Dream11 का तीन साल का करार, एक साल पहले ही अचानक समाप्त हो गया। इस डील की जिसकी कीमत 2023–26 के लिए 44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹358 करोड़) थी। रियल मनी गेमिंग कंपनियों पर लगी पाबंदी ने बोर्ड के पास कोई विकल्प नहीं छोड़ा।
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने बोर्ड की स्थिति स्पष्ट की:
सैकिया ने कहा, “हमारा रुख बहुत स्पष्ट है। सरकारी नियमों के लागू होने के कारण BCCI Dream11 या किसी अन्य गेमिंग कंपनी के साथ अपने स्पॉन्सर संबंध को जारी नहीं रख सकता। नई पाबंदियों के तहत ऐसा करने का कोई अवसर नहीं है और Dream11 के साथ हम एक रोडब्लॉक का सामना कर रहे हैं।”
इस समाप्ति के बाद भारत की पुरुष और महिला टीमों के पास व्यस्त घरेलू कैलेंडर के दौरान कोई लीड स्पॉन्सर नहीं बचा है।
एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) दस्तावेज में कड़े वित्तीय और नैतिक पात्रता नियम तय किए गए हैं:
फाइनेंशियल आवश्यकताएं
अयोग्य बोलीदाता
BCCI ने कुछ ऐसे कैटेगरी को भी ब्लॉक कर दिया है जहां पहले से ही स्पॉन्सरशिप राइट्स हैं। इनमें स्पोर्ट्सवियर, बैंक और एनबीएफसी, कोल्ड बेवरेज, घरेलू उपकरण और बीमा शामिल हैं।
अहम तारीखें
नए लीड स्पॉन्सर की तलाश संवेदनशील समय पर हो रही है। लगातार बड़े टूर्नामेंट होने वाले हैं। एशिया कप बस एक सप्ताह में शुरू हो रहा है। इसके बाद इस महीने के अंत में घरेलू मैदान पर महिला ODI वर्ल्ड कप खेला जाएगा। एशिया कप के दौरान स्पॉन्सर नहीं होने की संभावना है। लेकिन बोर्ड का ध्यान ईमानदारी और लॉन्ग टर्म स्थिरता पर है, जो उसकी कमर्शियल स्ट्रैटेजी में बदलाव दिखाता है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत का क्रिकेट ब्रांड, जो दुनिया में बेजोड़ है, गेमिंग और फिनटेक से बाहर नए सेक्टर्स की रुचि खींच पाएगा। नियमों की पाबंदियों ने प्रतियोगिता के क्षेत्र को सीमित कर दिया है।