हरित र्ईंधन वाले वाहनों में अपनी मौजूदगी में इजाफा करने की खातिर अशोक लीलैंड सीएनजी व एलएनजी से चलने वाले वाहन लाने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने होसूर केंद्र को वैकल्पिक र्ईंधन की टेस्टिंग के लिए समर्पित कर दिया है और उसका इरादा अगले 2-3 वर्षों में इस सेगमेंट में वाणिज्यिक वाहनों का पूरा पोर्टफोलियो उतारने का है।
इसके अलावा कंपनी मेथनॉल व हाइड्रोजन तकनीक पर भी काम कर रही है क्योंंकि उसकी योजना मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सीएनजी आधारित दो इंटरमीडिएट कमर्शियल व्हीकल (आईसीवी) मॉडल उतारने की है। वैकल्पिक ईंधन में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए अशोक लीलैंड ने कुछ उत्पाद उतारने की योजना बनाई है, जिसकी शुरुआत सीएनजी व एलएनजी वाहनों से होगी।
अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी विपिन सोढ़ी ने कहा, दुनिया की 10 अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माताओं में शामिल होने के अपने विजन की ओर बढ़ते हुए यह भी समान रूप से महत्वपूर्ण है कि हम इसे स्थिरता के साथ करें। हमारा मिशन सतत ऊर्जा व मोबिलिटी समाधान के जरिए मानवता पर सकारात्मक असर और पर्यावरण को संरक्षित करने पर है। मेथनॉल के लिए कंपनी ने अदाणी एंटरप्राइजेज संग गठजोड़ किया है, जिसके तहत अदाणी अशोक लीलैंड के चुनिंदा बेड़ों के लिए ग्रीन मेथनॉल की आपूर्ति करेगी। वीआरएल लॉजिस्टिक्स के साथ अदाणी पायलट परियोजना शुरू करेगी, जिसके पास अशोक लीलैंड के वाणिज्यिक वाहनों का सबसे बड़ा बेड़ा है। इसमें 250 वाहनों का परिचालन 10 फीसदी ग्रीन मेथनॉल के मिश्रण वाले ईंधन से होगा।
कंपनी ने कहा कि आज पावरट्रेन का परिचालन मुख्य रूप से आईसी इंजन पर हो रहा है और अगले दशक में बैटरी, इलेक्ट्रिक व फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाले वैकल्पिक पावरट्रेन उभरेंगे।
