facebookmetapixel
₹30,000 करोड़ का बड़ा ऑर्डर! Realty Stock पर निवेशक टूट पड़े, 4.5% उछला शेयरG-7 पर ट्रंप बना रहे दबाव, रूसी तेल खरीद को लेकर भारत-चीन पर लगाए ज्यादा टैरिफ10 मिनट डिलीवरी में क्या Amazon दे पाएगी Blinkit, Swiggy को टक्कर? जानें ब्रोकरेज की रायसी पी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर ली शपथSBI, Canara Bank समेत इन 5 स्टॉक्स में दिखा ब्रेकआउट! 24% तक मिल सकता है रिटर्नInfosys buyback: 5 दिन में मार्केट कैप ₹40,000 करोड़ बढ़ा, ब्रोकरेज ने कहा- खरीदें, ₹1,880 जाएगा भावबड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीरचांदी के भाव ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगाStocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?

शेख हसीना से व्यापार समझौते पर होगी चर्चा

Last Updated- December 11, 2022 | 3:55 PM IST

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत से अपने देश को आर्थिक सहायता देने या कम से कम सहायता का वादा करने का अनुरोध कर सकती हैं। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक अनिश्चितताओं और बांग्लादेश की भारत पर गहरी आर्थिक निर्भरता के मद्देनजर यह पड़ोसी देश उन आर्थिक चुनौतियों से निपटने में भारत की मदद ले सकता है, जिनसे उसे जूझना पड़ रहा है। 
अपने प्रमुख वस्त्र उद्योग के अधिक निर्यात तथा विदेशों से बढ़ते भुगतान के कारण पिछले कुछ साल से ऊंची आर्थिक विकास दर का फायदा उठाते हुए बांग्लादेश वर्ष 2026 की समय सीमा से पहले ही आधिकारिक तौर पर वर्ष 2021 में मध्यम आय वाला देश बन चुका है।

हालांकि यूक्रेन संकट में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के दौर ने आर्थिक उथल-पुथल और व्यापक विरोध के बीच देश में ऊर्जा और भोजन के दामों में इजाफा कर दिया है। बांग्लादेश के लिए हालात इस कदर खराब हो गए कि पिछले महीने उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 4.5 अरब डॉलर का कर्ज मांगना पड़ गया। 
अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस यात्रा के दौरान आर्थिक सहायता के संबंध में चर्चा होने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत ने ऐतिहासिक रूप में बांग्लादेश की आर्थिक प्रगति में उसकी सहायता की है और मौजूदा शासन को भारत के मित्र के रूप में जाना जाता है। अगर हालात बिगड़ते हैं, तो लाइन ऑफ क्रेडिट के जरिये वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है, जैसा कि पहले श्रीलंका को दिया गया था।’

ऊर्जा की अत्यधिक निर्भरता और वैश्विक स्तर पर तेल के अधिक दामों ने बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार कम कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप इसे अन्य महत्त्वपूर्ण विदेशी आयात हासिल करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। 
इसके साथ ही अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख बाजारों में मंदी के कारण देश के सबसे बड़े संगठित क्षेत्र – परिधान निर्यात उद्योग में बड़ी गिरावट आई है।मुख्य रूप से चावल उत्पादन करने वाले इस देश को आयातित गेहूं की बड़ी मांग ने दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा गेहूं आयातक बना दिया है। लेकिन वैश्विक बाजार में गेहूं की कमी की वजह से बांग्लादेश को इस साल अनाज के लिए भारत से आपातकालीन अनुरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

अधिकारी ने कहा ‘गेहूं पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बांग्लादेश ने गेहूं के लिए बार-बार गुजारिश की है, जिनमें से ज्यादातर के लिए हमारे आश्वासन के अनुसार उन्हें निर्यात करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसी तरह की गैर-वित्तीय प्रकृति वाली सहायता, पर चर्चा की जाएगी।’
 
व्यापार समझौते पर ध्यान
भारत के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर आगे की चर्चा भी इस यात्रा के दौरान मुख्य बिंदु होने की उम्मीद है। अगस्त में शेख हसीना ने भारत के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर चर्चा के लिए अनुमति प्रदान कर दी थी।
भारत को बांग्लादेश का निर्यात दो गुना अधिक करने और देश के सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत तक का विस्तार करने की उम्मीद वाली यह बातचीत अब भी शुरुआती चरण में है। सूत्रों ने कहा कि इसे शेख हसीना के कार्यक्रम में महत्त्वपूर्ण चीज माना जा रहा है।

बांग्लादेश भारत को केवल 1.9 अरब डॉलर की वस्तुओं का ही निर्यात करता है, जबकि यह भारत से 16.15 अरब डॉलर का आयात करता है। इसने चार अरब डॉलर की कपास, 1.2 अरब डॉलर का गेहूं और इतनी ही मात्रा में पेट्रोलियम का आयात किया। 
शेख हसीना ने इस व्यापार असंतुलन को कम से कम आंशिक रूप से सुधारने के लिए इस सौदे पर जोर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इस मोर्चे पर त्वरित समाधान से वह अपने उन घरेलू आलोचकों को जवाब दे पाएंगी, जो मात्र 60 करोड़ डॉलर का चावल आयात करने पर भी उंगली उठाते हैं, जिसमें से ज्यादातर उसने किस्म का होता है।

‘पहले भारत’ पर जोर
सोमवार दोपहर को दिल्ली पहुंची शेख हसीना से इस बात की भी उम्मीद की जा रही है कि वह इस बढ़ती धारणा को शांत करेंगी कि जिस सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी का वह नेतृत्व करती हैं, उसका झुकाव लगातार चीन की तरफ हो रहा है।

बांग्लादेश के एक राजनयिक सूत्र ने कहा कि जैसा कि इस यात्रा से पहले उनके भाषणों और साक्षात्कारों में स्पष्ट हुआ है, प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया है कि बांग्लादेश अब भी सहयोगियों के बीच भारत को महत्त्व प्रदान करता है, भले ही भू-राजनीतिक मंच पर यह कहना इतना आसान न हो। 
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारत के साथ अपने सुदृढ़ संबंधों की वजह से निजी तौर पर भी इसे पसंद करती हैं, जहां उन्होंने 1981 तक छह साल राजनीतिक शरण मांगी थी। उन्होंने वर्ष 2018 और 2019 में गैर राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए हाल के वर्षों में दो दफा पश्चिम बंगाल का भी दौरा किया।

शेख हसीना के प्रतिनिधिमंडल में वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी, रेल मंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान, मुक्ति युद्ध मंत्री एकेएम मोजम्मेल हक और प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों के सलाहकार मशिउर ए के एम रहमान शामिल हैं।

First Published - September 5, 2022 | 10:53 PM IST

संबंधित पोस्ट