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यूक्रेन संकट से तिरुपुर परिधान केंद्र की बढ़ीं मुश्किलें

Last Updated- December 11, 2022 | 9:02 PM IST

देश का सबसे बड़ा परिधान केंद्र तिरुपुर कोविड महामारी के कारण कंटेनर की कमी और कच्चे माल की कीमतों में तेजी से प्रभावित हो गया था। अब यूक्रेन संकट की वजह से यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटेन से मांग में कमी और आपूर्ति में बाधा आने की स्थिति में इस बड़े परिधान केंद्र को 1,200 करोड़ रुपये प्रतिमाह से अधिक के कारोबार का नुकसान हो सकता है। इस क्षेत्र ने तिरुपुर की 3,000 करोड़ रुपये की मासिक आमदनी में करीब 40 प्रतिशत का योगदान दिया है। तिरुपुर गार्मेंट्स के अन्य बड़े ग्राहकों में अमेरिका शामिल है जिसने मासिक विदेशी मुद्रा कमाई के 35 फीसदी या करीब 1,000 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा एम षणमुगम ने कहा, ‘अब तक हमने ऑर्डर रद्द होते नहीं देखा है। हालांकि जारी युद्ध की वजह से इस क्षेत्र में आपूर्ति बाधा या मांग में कमी से यूरोपीय संघ या ब्रिटेन से हमारे राजस्व में 1,200 करोड़ रुपये प्रतिमाह से अधिक का नुकसान होगा।’ पिछले साल कपास की कीमतों में 80 फीसदी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद धागे की कीमत बढऩे से भी इस तरह की चिंताएं जताने जाने लगी थीं।
उद्योग के अन्य स्रोत के मुताबिक कपास के बाजार में भी आपूर्ति में दिक्कत देखी जा रही है और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति बनने के आसार हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमतें शुक्रवार को 98 डॉलर प्रति बैरल तक रहीं। रूस के हमले की आशंका को लेकर हाल के दिनों तक आ रही खबरों से भी भारत में कपास की कीमतों में तेजी देखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 20 दिनों कपास की कुछ किस्मों की कीमत 6-8 प्रतिशत तक रही है।
धागे की लागत में कपास की हिस्सेदारी 80 फीसदी तक होगी है और परिधान और उसे बनाने की लागत में धागे की लागत करीब 25 फीसदी तक होती है। षणमुगम ने कहा, ‘हम तीन से छह महीने पहले अनुबंध करते हैं। कच्चे माल में बढ़ोतरी की वजह से हम इस साल परिधान की कीमतों में तेजी देख रहे हैं। अप्रैल से जून 2021 के बीच तमिलनाडु की कई इकाइयां बंद रहीं क्योंकि महामारी के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई।’
तिरुपुर करीब 10,000 परिधान निर्माण इकाइयों का केंद्र है जहां 6 लाख से अधिक लोगों को काम मिला हुआ है। कोविड से पहले कपड़े का निर्यात 2,500 करोड़ रुपये प्रतिमाह तक हुआ करता था और घरेलू बिक्री शामिल करके यह करीब 5,000 करोड़ रुपये तक होता था। कपड़े के निर्यात के केंद्र तिरुपुर से निर्यात 2019-20 में 27,500 करोड़ रुपये जबकि 2020-21 में यह 25,000 करोड़ रुपये तक था। यूक्रेन संकट से पहले कीमतें बढऩे के चलते इसके 36,000 करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद थी।

First Published - February 25, 2022 | 11:03 PM IST

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