जेरेमी ललरिनुंगा, अचिंत शेउली और संकेत सरगर के नाम कुछ दिनों पहले तक शायद ही कोई जानता था। हालांकि, राष्ट्रमंडल खेलों के चलते इसमें बदलाव आया है। सरगर बर्मिंघम में पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। जेरेमी इसी राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी और शेउली दूसरे हैं।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 61 पदक जीते। खेल के इस बड़े आयोजन में भारतीय एथलीटों की सफलता ने सभी का ध्यान गैर-क्रिकेट खेलों की ओर मोड़ दिया है और इस हिसाब से ब्रांड भी कोई अपवाद नहीं हैं।
बर्मिंघम में एथलीट दल का समर्थन करने वाले नामों की बढ़ती सूची में रिलायंस, जेएसडब्ल्यू और अदाणी समूह जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। बाजार पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कुछ कंपनियों के प्रायोजन एशियाई खेलों और पेरिस ओलिंपिक 2024 में भी होंगे क्योंकि कंपनियां और ब्रांड गैर-क्रिकेट खेल गतिविधियों का गंभीरता से समर्थन करते हैं।
भारत में खेल प्रायोजन से जुड़ी हाल की ग्रुपएम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरती हुई या गैर-क्रिकेट खेल गतिविधि ने 2021 में कुल खेल विज्ञापन खर्च में 12 प्रतिशत का योगदान दिया। देश में कुल खेल विज्ञापन खर्च में क्रिकेट की हिस्सेदारी लगभग 88 प्रतिशत है। गैर-क्रिकेट खेलों की संख्या, महामारी से पहले की अवधि की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत तक बढ़ी है।
हालांकि ग्रुप एम का कहना है कि अपनी व्यापक पहुंच और दिलचस्पी के कारण क्रिकेट अब भी भारत में खेल विज्ञापन खर्च (एडीएक्स) में एक प्रमुख योगदान देने वालों में शामिल रहेगा वहीं गैर-क्रिकेट खेल आने वाले वर्षों में तेजी से अपने हिस्से में वृद्धि करेंगे।
खेल विपणन विशेषज्ञों ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों की वजह से वर्ष 2022 में ही गैर-क्रिकेट खेल विज्ञापन खर्च के कुल खेल विज्ञापन खर्च के 15 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। ओलिंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के मुताबिक एशियाई खेल पहले सितंबर में आयोजित होने वाले थे लेकिन अब ये अगले साल होंगे।
ब्रांड इनसाइट कंपनी टीआरए रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन चंद्रमौलि कहते हैं, ‘राष्ट्रमंडल खेलों के अधिकांश एथलीटों के पास बताने के लिए प्रेरणादायक कहानियां हैं, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्होंने भारत के लिए पदक जीते हैं। विपरीत परिस्थितियों में साहस और दृढ़ता दिखाने का एक बड़ा संदेश देने की इच्छुक कंपनियां अपने विज्ञापन अभियानों के लिए इन एथलीटों का इस्तेमाल करने के लिए दिलचस्पी दिखाएंगी।’
उदाहरण के तौर पर थम्स अप ने अभी एक अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत उन एथलीटों की सफलता को दर्शाया जाता है जिन्होंने अपने संबंधित खेलों में सफल होने के लिए अपनी राह की बाधाएं दूर की हैं। इनमें भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के वर्तमान अध्यक्ष सौरभ गांगुली, पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला अवनि लेखरा और मुक्केबाज तथा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी 2022 में स्वर्ण पदक विजेता निखत जरीन शामिल हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संकेत दिए हैं कि वह भारतीय ओलंपिक संघ के साथ दीर्घकालिक संबंध के तहत एशियाई खेलों और पेरिस ओलिंपिक सहित प्रमुख खेल आयोजनों में भाग लेने वाले एथलीटों का समर्थन करेगी। इसने हाल ही में देश में एथलेटिक खेलों के विकास के लिए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के साथ करार किया है।
नेस्ले और जेएसडब्ल्यू के इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स ने देश में बुनियादी ढांचे, कोचिंग और खेल विज्ञान का समर्थन करने के लिए करार किया है। इस पहल के तहत दोनों ने हाल ही में एक नया विज्ञापन अभियान शुरू किया है जिसमें जैवलिन थ्रो के सितारे नीरज चोपड़ा, तमिलनाडु के हाई जंपर देव कार्तिक और मणिपुर के जूडो चैंपियन ओलिविया जैसे एथलीट शामिल हैं।
ब्रांड फाइनैंस इंडिया के प्रबंध निदेशक अजीमोन फ्रांसिस ने कहा, ‘यह एक उत्साहजनक संकेत है कि बड़ी कंपनियां गैर-क्रिकेट खेलों का समर्थन करने के लिए कदम उठा रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में गैर-क्रिकेट खेलों का दायरा बढ़ा है जिसकी वजह से कंपनियां इनका समर्थन करने के लिए पूंजी लगाने के साथ ही इनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही हैं।’
उदाहरण के तौर पर अदाणी स्पोर्ट्सलाइन ने अपनी ‘गर्व है’ पहल के तहत खेल प्रतिभाओं की खोज करने के साथ ही उनकी प्रतिभाओं को निखारने के लिए पहल की है। कंपनी को भारत से राष्ट्रमंडल दल के प्रमुख प्रायोजक के रूप में शामिल किया गया था और यह अगले साल एशियाई खेलों और पेरिस ओलंपिक 2024 में जाने वाले एथलीटों को समर्थन देगी।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इसकी कोशिश उभरते हुए खेल सितारों की मदद करना है। जाहिर है, देश में गैर-क्रिकेट खेलों और इससे जुड़े सितारों के लिए आगे का समय काफी रोमांचक है।