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आपदा में अवसर तलाशा, खुली नई राह

Last Updated- December 11, 2022 | 7:52 PM IST

कोरोना महामारी के दौरान देश के एक प्रतिष्ठित कारोबारी घराने में कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) की जिम्मेदारी संभालने वाले दीपक को जब नौकरी गंवानी पड़ी तो वह अपने घर लखनऊ लौट आए। उद्यमशील दीपक ने थोड़े ही दिनों में घर पर बेकरी का काम शुरू कर दिया। होम बेकर्स के काम ने लॉकडाउन के दौरान तेजी पकड़ी और आज वह वापस नौकरी नहीं करना चाहते हैं।
इसी तरह महामारी के पहले दौर में जब लॉकडाउन लगा था तो उस समय लखनवी चिकन के कारोबार का समय था। तमाम फर्मों के पास तैयार माल पड़ा था और ऑर्डर धड़ाधड़ रद्द हो रहे थे। ऐसे हालात में पुराने लखनऊ के कई चिकन कारोबारियों ने ऑनलाइन के जरिये अपने उत्पाद बेचने शुरू किए और आज उनके सालाना कारोबार का एक-चौथाई हिस्सा इसी माध्यम से आने लगा है। हालात सामान्य हो जाने के बाद लखनऊ के चिकन कारोबारियों ने ऑनलाइन बिक्री का दायरा और बढ़ा दिया है। बनारस के सिल्क कारोबारी तो काफी पहले से ही ऑनलाइन बिक्री कर रहे थे लेकिन कोरोना संकट के दौरान में इसमें खासी तेजी आई और आज इस शहर के अधिकांश प्रतिष्ठान ऑनलाइन मंच पर उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश के भदोही की कालीन या मुरादाबाद के पीतल के सामान सभी ऑनलाइन उपलब्ध हैं। आमतौर पर दुकानों से बेचे जाने वाले कन्नौज के इत्र, फिरोजाबाद के झाड़ फानूस या जरी-जरदोजी आदि उत्पादों की भी अब ऑनलाइन बिक्री होने लगी है।
महामारी और लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन खाने-पीने के सामान और किराने के सामान की डिलिवरी का काम भी जोर पकड़ा। प्रतिष्ठित ब्रांडों के इतर उत्तर प्रदेश में छोटे व्यापारियों और किराना दुकानदारों ने भी ऑनलाइन की राह पकड़ ली और इससे अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं।
कोरोना संकट के दौरान बड़े पैमाने पर घरों में खाना बनाने का काम लोगों ने शुरू किया और उनकी होम डिलिवरी की शुरुआत की। आज प्रदेश में हजारों की तादाद में इस तरह का काम चल रहा है।
प्रदेश के हस्तशिल्पियों व सूक्ष्म उद्यमों को सहारा देने के लिए योगी सरकार की योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत हर जिले के एक विशिष्ट उत्पाद के उत्पादन व बिक्री को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। ओडीओपी के तहत उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों से करार किया और कोरोना काल के दौरान इन उत्पादों की खासी बिक्री की। अब हालात यह है कि ओडीओपी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री में आई तेजी को देखते हुए प्रदेश सरकार अपना खुद का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है। इस प्रोत्साहन का नतीजा है कि पिछले ढाई साल में फ्लिपकार्ट, एमेजॉन और ईवे पर 15 श्रेणियों में करीब 11 हजार उत्पाद ओडीओपी के हैं और करीब 355 शिल्पकारों ने अपना पंजीकरण कराया है। ऑनलाइन कारोबार के माध्यम से शिल्पकारों ने बीते वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में ही 24 करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय भी किया था।
उत्तर प्रदेश में एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल के मुताबिक हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम के साथ ओडीओपी मार्ट बनाया जा रहा है। इससे जीएसटी और बिना जीएसटी पंजीकरण वाले शिल्पकारों को फायदा है साथ ही ग्राहक को भी इस बात की गारंटी रहती है कि उसने जिस जिले का ओडीओपी उत्पाद खरीदा है, वह विश्वसनीय है।
उनका कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ओडीओपी के उत्पादों की नि:शुल्क कैटलॉग भी बनाया जा रहा है और जल्द ही ओडीओपी मार्ट का ऐप भी लॉन्च किया जाएगा।
लखनऊ विश्वविद्यालय में व्यापार प्रशासन विभाग के शिक्षक डॉ. अजय प्रकाश बताते हैं कि कोरोना के दौरान ऑनलाइन कारोबार में आई तेजी से 2020 अप्रैल-जून के दौरान डेस्कटॉप, नोटबुक और कंप्यूटरों की मांग में रिकॉर्ड वृद्घि दर्ज की गई थी। उनका कहना है कि आईटी कारोबारियों के आंकड़ों के मुताबिक कंप्यूटर और लैपटॉप की बिक्री 40 फीसदी तक बढ़ गई है। प्रदेश में पिछले साल जुलाई के महीने से दिसंबर तक करीब 50 हजार से 1 लाख तक पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री हुई है।

First Published - April 14, 2022 | 11:47 PM IST

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