facebookmetapixel
Midcap Funds Outlook 2026: रिटर्न घटा, जोखिम बढ़ा; अब मिडकैप फंड्स में निवेश कितना सही?Share Market: लगातार 5वें दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी दबाव मेंYear Ender: 42 नए प्रोजेक्ट से रेलवे ने सबसे दुर्गम इलाकों को देश से जोड़ा, चलाई रिकॉर्ड 43,000 स्पेशल ट्रेनें2026 में भारत-पाकिस्तान में फिर होगी झड़प? अमेरिकी थिंक टैंक का दावा: आतंकी गतिविधि बनेगी वजहपर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिशों के बावजूद भारत में पर्यटन से होने वाली कमाई इतनी कम क्यों है?क्या IPOs में सचमुच तेजी थी? 2025 में हर 4 में से 1 इश्यू में म्युचुअल फंड्स ने लगाया पैसानया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदेंYear Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीतिGold–Silver Outlook 2026: सोना ₹1.60 लाख और चांदी ₹2.75 लाख तक जाएगी

कांत ने नीति निर्माण में उद्योग के विचारों को किया समाहित

Last Updated- December 11, 2022 | 5:56 PM IST

नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी के रूप में अमिताभ कांत आज छह साल से अधिक लंबी अवधि  के बाद पद छोड़ रहे हैं। अन्य बातों के अलावा उन्हें देश के नीति निर्माण में भारती कंपनी जगत और उसकी राय को अहम जगह पर लाने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाएगा।
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के एक साल के अंदर ही पिछले औद्योगिक नीति और सवंर्धन विभाग ने कारोबार सुगमता के संबंध में राज्यों की रैंकिंग करने की योजना की घोषणा कर  दी थी।
हालांकि अब यह रैंकिंग कुछ ऐसी चीज हो गई है, जिस पर राज्य काफी ध्यान देते हैं, लेकिन नवनिर्मित नीति आयोग आईडीएफसी संस्थान के सहयोग से भारतीय राज्यों का उद्यम सर्वेक्षण लेकर आया है। आयोग के मुख्य कार्याधिकारी के रूप में अमिताभ कांत ने एक रिपोर्ट दी थी, जिसने राज्यों द्वारा प्रदर्शन की तीसरे पक्ष से जांच के रूप में तुरंत ध्यान खींचा।
व्यापाक दायरे वाला उद्यमों का सर्वेक्षण यह तय करने के लिए एक मूल्यवान उपकरण बन गया कि प्रमुख राज्यों ने किस तरह कारोबार में सहायता की और उनके आसपास सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित किया।
बीएन सत्पथी, जिन्होंने इस परियोजना का लंबे समय तक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में और बाद में आयोग में उद्योग कार्यक्षेत्र के सलाहकार के रूप में मार्गदर्शन किया, ने कहा कि कांत नीति आयोग को नीति निर्माण प्रक्रिया के केंद्र में लाए।
कांत ने आईएएस अधिकारी के रूप में दशकों के अपने अनुभव का इस्तेमाल आयोग की इस नई भूमिका का निर्माण करने के लिए किया। नीति आयोग में उनकी टीम ने सार्वजनिक नीति बनाने के लिए इसके इनपुट निर्माण की खातिर कारोबार और प्रत्येक अन्य हितधारक को शामिल करने की उनकी भूमिका को समझा।
यह एक ऐसा नया मार्ग था, जिसने इस दृष्टिकोण का समर्थन किया कि मोदी के अधीन केंद्र सरकार अब उद्योग की भूमिका को कैसे देखती है। दशकों के गतिरोध के बाद सक्रिय रूप से उद्योग का समर्थन मांगा गया था।
वह कई ऐतिहासिक पहलों की रूपरेखा तैयार करने में सबसे आगे रहे, जिसमें डिजिटल इंडिया, परिसंपत्ति मुद्रीकरण, विनिवेश, महत्त्वाकांक्षी जिल कार्यक्रम और इलेक्ट्रिक वाहन आदि शामिल हैं।

First Published - June 30, 2022 | 1:28 AM IST

संबंधित पोस्ट