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टीके-दवाएं पहुंचाने के लिए ड्रोन का परीक्षण

Last Updated- December 12, 2022 | 12:30 AM IST

पिछले महीने धूप से खिले सप्ताहांत में तेलंगाना के विकाराबाद जिले के निवासियों ने एक असामान्य नजारा देखा। पुलिस परेड ग्राउंड और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के बीच ड्रोन की तीन किलोमीटर दूरी की उड़ान। इस उड़ान का उद्देश्य इस बात का आकलन करना था कि जीवन रक्षक रक्त, टीकों और दवाओं को अधिक तेजी तथा दूरदराज के इलाकों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है। यह तेलंगाना की ‘आकाश से दवा’ परियोजना के लिए ड्रोन का ‘बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ विजन’ (बीवीएलओएस) परीक्षण था। इसमें हैदराबाद से 75 किलोमीटर दूर विकाराबाद जिले के चिह्नित हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया गया था और 400 मीटर की ऊंचाई पर उडऩे वाले ड्रोन के जरिये सफलतापूर्वक टीके जैसी महत्त्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति की गई थी। बलू डार्ट मेड एक्सप्रेस कन्सोर्टियम के साथ परीक्षण करने वाली ड्रोन-प्रौद्योगिकी की स्टार्टअप स्काई एयर मोबिलिटी के सह-संस्थापक स्वप्निक जक्कमपुडी ने कहा, ‘महत्त्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति की पहुंच के साथ ड्रोन ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकते हैं।’
स्काई एयर के ड्रोन ने 1.5 किलोग्राम वजन के टीकों की डिलिवरी सात मिनट के भीतर तीन किलोमीटर दूर तक कर दी। यह परीक्षण दो से आठ डिग्री सेल्सियस बनाए रखने वाले अत्याधुनिक तापमान नियंत्रित डिब्बों का इस्तेमाल करते हुए किया गया था। इसके अलावा पैकेज की सुरक्षित डिलिवरी सुनिश्चित करने के लिए लाइव पेलोड हेल्थ ट्रैकिंग को सक्षम किया गया था। इन परीक्षणों में नियंत्रण केंद्र के जरिये दूर से संचालित मानव रहित उड़ानें हुईं। ब्लू डार्ट के प्रबंध निदेशक, बालफोर मैनुअल ने कहा, ‘कोविड -19 के खिलाफ हमारी जंग उन नई चुनौतियों से निपटने के लिए जारी है, जिनमें तत्काल समाधान की आवश्यकता होती है।’ उन्होंने कहा, ‘इस वैश्विक महामारी ने हम में से प्रत्येक व्यक्ति को लॉजिस्टिक के महत्त्व और तकनीक आधारित आपूर्ति शृंखला वाले बुनियादी ढांचे की आवश्यकता के बारे में सिखाया है।’ भारत अब तक अपनी लगभग 56 प्रतिशत आबादी को एक खुराक और 17 प्रतिशत आबादी को दोनों खुराक के साथ टीका लगा चुका है। मौजूदा हालात में टीकों की और ज्यादा अंदरूनी पैठ, खास तौर पर दूर-दराज के इलाकों में जरूरत है। मैनुअल ने कहा ‘ड्रोन के जरिये टीकाकरण की डिलिवरी से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।’ यह परीक्षण इस महीने के मध्य तक जारी रहेगा। स्काई एयर के जक्कमपुडी ने कहा कि सड़क मार्ग के माध्यम से 1.5 घंटे के डिलिवरी समय को ड्रोन घटाकर 30 मिनट या इससे भी कम कर सकते हैं।
ऐसे प्रयास करने वाली स्काई एयर अकेली कंपनी नहीं है। इस महीने एक अन्य डिलिवरी ड्रोन फर्म टेकईगल ने भी आकाश से दवा परियोजना के लिए ड्रोन की शुरुआत की है। इसमें तेलंगाना सरकार, नीति आयोग, विश्व आर्थिक मंच और अपोलो हॉस्पिटल्स के सहयोग से ड्रोन के जरिये दवा और टीके के नमूनों की डिलिवरी करना शामिल था। विकाराबाद के अस्पतालों को कोल्ड चेन सुविधाओं की मौजूदगी के कारण प्रमुख स्थानों के रूप में परीक्षण के लिए चुना गया था।
टेकईगल के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी विक्रम सिंह मीणा ने कहा कि परियोजना में इस्तेमाल किया जा रहा पेरेग्रीन एक्स-ड्रोन पूरी तरह से स्वचालित है। इसमें 4जी-सक्षम संचार है, जो ड्रोन की तत्काल स्थिति बताता है और इसे दुनिया के किसी भी हिस्से से नियंत्रित करने योग्य बनाता है। इसने चार किलोग्राम वजन के साथ ड्रोन उड़ाया है, जिसमें कोविड-19 टीकों की 200 खुराक शामिल थीं। पेरेग्रीन एक्स ने पूरी उड़ान के दौरान 2.4 डिग्री सेल्सियस का तापमान बनाए रखा। फर्म की योजना छह से ज्यादा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 100 से अधिक डिलिवरी कराने की है।
विशेषज्ञों ने कहा कि नए उदारीकृत ड्रोन नियम 2021 ने स्वदेश में विकसित ड्रोन तकनीक को बढ़ाने का बहुप्रतीक्षित मौका प्रदान किया है। टेकईगल के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी अंशु अभिषेक ने कहा कि आकाश से दवा परियोजना ड्रोन उद्योग के विकास के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्रवर्तक होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा ‘हम उड़ानों में हासिल किए गए आंकड़ों के 1,000 से अधिक बिंदुओं का मूल्यांकन करेंगे।’ ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक स्मित शाह ने कहा कि यह परियोजना देश की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि अन्य राज्य ड्रोन के जरिये टीकों और अन्य स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति के लिए तेलंगाना की पहल से प्रेरणा लेंगे।’ पिछले महीने बेंगलूरु में, थ्रॉटल एयरोस्पेस सिस्टम्स (टीएएस) और भारत के सबसे बड़े बी2बी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उड़ान ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की देखरेख में दवाओं की ड्रोन डिलिवरी के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया था। इसमें दवाओं की ड्रोन डिलिवरी के लिए बीवीएलओएस का परीक्षण भी शामिल था। अंतिम छोर तक दवाओं की डिलिवरी करने के लिए उड़ान द्वारा बेंगलूरु के बाहरी इलाके – गौरीबिदानुर में 15 किलोमीटर के दायरे में यह परीक्षण किया गया था। इस परीक्षण की सफलता से वितरण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के ग्राहक अनुभव में क्रांति लाने का बड़ा अवसर पैदा हुआ है। उड़ान के उत्पाद इंजीनियर सौम्यदीप मुखर्जी ने कहा, ‘यह भारत के दूरदराज के कोनों में स्थित एमएसएमई, किराना, दुकान मालिकों और केमिस्टों जैसे छोटे कारोबारों को सशक्त बनाने के लिए तकनीक-सक्षम समाधान बनाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है।’

First Published - October 5, 2021 | 11:11 PM IST

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