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अंतरराष्ट्रीय यात्रा में छूट से लक्जरी रिट्रीट के लिए बढ़ी पूछताछ

Last Updated- December 11, 2022 | 8:20 PM IST

दो साल पहले, इसी महीने देश में महामारी की शुरुआत हुई थी। भारत ने विदेशी यात्रियों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए थे और देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था। दुनिया के अन्य हिस्से की तरह ही कोविड-19 ने भारत में पर्यटन और होटल क्षेत्र के कारोबार पर बुरा असर डाला। लेकिन वायरस के डर की वजह से शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य (वेलनेस) के क्षेत्र में नए सिरे से दिलचस्पी पैदा हुई जिसे अब कई लक्जरी रिट्रीट में देने की कोशिश की जा रही है।
इस तरह लक्जरी रिट्रीट ने अब न केवल महामारी से प्रभावित उद्योग की चुनौतियां खत्म कर दी हैं बल्कि नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बहाली से भी इसकी मांग में वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। हिमालय में ऋ षिकेश के पास आनंदा एक ऐसा ही लक्जरी रिट्रीट, स्पा रिजॉर्ट है जहां दिसंबर 2021 में फिर से पर्यटकों के लिए वीजा जारी करने के बाद विदेशी यात्रियों ने काफी दिलचस्पी दिखाई है। आनंदा की मालिक कंपनी आईएचएचआर हॉस्पिटैलिटी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) महेश नटराजन कहते हैं, ‘आनंदा में आने वाले विभिन्न देशों के आने हमारे कई नियमित मेहमानों ने हमें लिखा है कि उन्होंने पिछले दो वर्षों में उन्होंने खालीपन का अनुभव किया और वे अपने सालाना वेलनेस कार्यक्रम को जारी नहीं रख सके।’ उन्होंने कहा कि उनके लक्जरी ब्रांड को लेकर हाल ही में विदेश से कई लोग पूछताछ कर रहे हैं, विशेष रूप से इसके पंचकर्म (एक आयुर्वेदिक तकनीक) और ध्यान-आधारित कार्यक्रमों को लेकर पूछताछ की जा रही है और इस तरह के चुनौतीपूर्ण समय के बाद शारीरिक और भावनात्मक कायाकल्प की दोहरी जरूरत महसूस की जा रही है। वह कहते हैं, ‘मार्च के अंत से, हम अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिम एशिया और अन्य क्षेत्रों के ग्राहकों से काफी मांग की उम्मीद कर रहे हैं।’
अरैया होटल्स ऐंड रिजॉट्र्स के निदेशक अमृता नायर बताती हैं, ‘मुंबई जैसे वित्तीय केंद्र में पहले से ही विदेशी कारोबार से जुड़ी यात्रा की मांग में तेजी दिख रही है। हालांकि, उनका मानना है कि छुट्टियों से जुड़े पर्यटन पर वास्तविक प्रभाव नवंबर से फरवरी तक सर्दियों के मौसम में देखा जाएगा।’ भारत में तीन रिजॉट्र्स के अलावा यूरोपीय देशों में अरैया माल्टा के तहत परिचालन करने वाले नायर कहती हैं, ‘अमेरिका जैसे बाजारों में निश्चित तौर पर सांस्कृतिक, विरासत, वेलनेस और रोमांच वाली जगहों के चलते भारत के लिए लोगों की दिलचस्पी है। मैं देख रही हूं कि अमेरिका से मेहमान यूरोप के होटल कारोबार में वापस आ रहे हैं।’
निरामय वेलनेस रिट्रीट्स के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) एलन मचाडो का कहना है कि उनके विदेशी ग्राहक भी भारत लौटने की इच्छा दर्शा रहे हैं विशेष रूप से ब्रिटेन, अमेरिका और पश्चिम एशिया के क्लाइंट। हालांकि यूक्रेन में युद्ध के चलते, सीआईएस (स्वतंत्र राष्ट्रों का राष्ट्रमंडल) देशों में लोगों की दिलचस्पी कम हो गई है।
मचाडो कहते हैं, ‘अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बाद हम जुलाई के बाद लोगों के आने की रफ्तार देखेंगे और खासतौर पर इस वित्त वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में सुधार दिखेगा।’ निरामाय वेलनेस रिट्रीट (केरल में चार, बेंगलूरु में एक और कोहिमा में एक) और निजी आवास (गोवा, केरल और कर्नाटक में) चलाती हैं। इससे पहले इसके 80 प्रतिशत यात्री विदेश से आते थे। कोविड के बाद के दौर में घरेलू ग्राहकों की तादाद 90 प्रतिशत से अधिक हो गई थी जो कीमत को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं।
निरामय को अपने राजस्व मॉडल को फिर से तैयार करना था और साथ ही शुल्क में 40-50 प्रतिशत तक की कमी को भी संतुलित करना था। मचाडो कहते हैं, ‘लोगों की छुट्टी बिताने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है। कई लोग स्वच्छता और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देते हुए कम भीड़ वाली जगहों पर जाना पसंद करते हैं जो ड्राइव करने लायक दूरी के भीतर ही आता हो और जहां स्वास्थ्यवर्धक खाने का रुझान भी यहां बन रहेगा।’
इवॉल्व बैक रिजॉट्र्स के कार्यकारी निदेशक, जोस रामापुरम लगभग दो साल के अंतराल के बाद अपने विदेशी यात्रा परिचालकों और प्रबंधन कंपनियों के संपर्क में आए थे। उन्हें उम्मीद है कि विदेशी यातायात अक्टूबर से ही बढ़ेगा ‘क्योंकि घरेलू पर्यटन के लिहाज से यह एक ऑफ  सीजन है।’ वह कहते हैं, ‘हम भारत में लंबी दूरी के यात्रियों की मांग देख रहे हैं। महामारी के दौरान, हमने कर्नाटक (जहां इवॉल्व बैक की तीन प्रॉपर्टी हैं) और आसपास के राज्यों के ही कई क्षेत्रीय यात्रियों को देखा।’
नवंबर 2019 में, इवॉल्व बैक ने सेंट्रल कलाहारी में अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी का अधिग्रहण किया। बोत्सवाना में जहां इसका रिजॉर्ट है वहां कोई घरेलू मांग नहीं थी और केवल अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग पूरी की गई थी। दो साल की महामारी के बाद कुछ मेहमान मिलने लगे थे। रामापुरम कहते हैं कि अफ्रीकी देश की सीमाएं भी अब खुल गई और इवॉल्व बैक अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि देख रहा है। वहीं भारत में आनंदा में केवल ठहरने वाले मेहमानों के लिए 100 एकड़ वाले वन क्षेत्र में एकांत में रहने की लक्जरी देता है और इसमें हर मेहमान के लिए विशेष मांग वाली सेवाएं दी जाती हैं मसलन वेलनेस आकलन, दिशानिर्देश, योग और ध्यान से जुड़ा सत्र या फिर विशेष तरह के खाने की पेशकश शामिल है। हिमाचल में अरैया के 38 कमरों वाले पालमपुर रिजॉर्ट में रुक कर धौलाधार की पहाडिय़ों को देखा जा सकता है और गांव में घूमने के साथ ही स्थानीय समुदाय के प्रशिक्षित गाइडों के साथ पहाड़ों पर चढ़ाई भी की जा सकती है।

 वेलनेस पर जोर
कोविड के बाद टैक्सी की सेवाएं लेने को लेकर आशंका बढ़ रही है ऐसे में इवॉल्व बैक ने हेलीकॉप्टर की सवारी शुरू की। यह सभी तीन रिजॉट्र्स के लिए रोजाना स्तर पर उड़ान सेवाएं देती है। लोगों ने विशेष अनुभवों के लिए इसे तरजीह दी है और इसकी वजह से साझा गतिविधियों के बजाय निजी स्तर की निर्देशित गतिविधियों को पेश किया है। वेलनेस रिट्रीट में संरक्षक लंबी अवधि के लिए स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दे रहे हैं।
आनंद के लिहाज से देखा जाए तो इसने जो आयुर्वेदिक कायाकल्प, पंचकर्म, समग्र या योग डिटॉक्स या ध्यान पर जो जोर दिया है उसकी वजह से दीर्घकालिक वेलनेस कार्यक्रम के लिए मेहमानों की संख्या बढ़ी है जिसके लिए कम से कम एक और तीन हफ्ते की आवश्यकता होती है।

First Published - April 1, 2022 | 11:27 PM IST

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