पांच नामचीन हस्तियों वाले निर्णायक मंडल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड बैंकर ऑफ द इयर 2022 सम्मान के लिए एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी शशिधर जगदीशन को चुना है। जगदीशन के नेतृत्व में एचडीएफसी बैंक ने अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा है और तकनीक से संबंधित चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटता रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) के नाम पर मुहर लगाई, जो इस महीने 58 साल के हो जाएंगे।
निर्णयक मंडल के अन्य सदस्यों में एचडीएफसी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री, आईकैन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के चेयरमैन अनिल सिंघवी, आदित्य बिड़ला सन लाइफ ऐसेट मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ ए बाला सुब्रमणयन और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पी एस जयकुमार शामिल थे। हालांकि निर्णायक मंडल का विचार-विमर्श जब एचडीएफसी बैंक के इर्द-गिर्द चल रहा था तो मिस्त्री ने इस चर्चा से खुद को अलग कर लिया।
सहकर्मियों के बीच शशि के नाम से चर्चित जगदीशन ने दिग्गज बैंकर आदित्य पुरी के पद छोड़ने के बाद 27 अक्टूबर, 2020 को एचडीएफसी बैंक की कमान संभाली थी। पुरी ने निजी क्षेत्र के बैंकों के सीईओ के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित 70 साल की अधिकतम आयु पर पहुंचने के बाद पद छोड़ा था। बैंकिंग नियामक ने तीन साल के लिए जगदीशन की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसके बाद उनका सेवा विस्तार किया जा सकता है।
जगदीशन ने 1996 में वित्तीय सेवा में प्रबंधक के तौर पर एचडीएफसी बैंक में अपनी पेशेवर यात्रा शुरू की थी। सीईओ के तौर पर शुरुआती दिन उनके लिए सहज नहीं थे क्योंकि उनकी नियुक्ति के एक महीने बाद ही दिसंबर 2020 की शुरुआत में बैंकिंग नियामक ने एचडीएफसी बैंक को नए क्रेडिट कार्ड ग्राहक बनाने और नए डिजिटल उत्पाद लाने पर रोक लगा दी थी। बैंक का मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म बार-बार ठप पड़ने की शिकायत देखते हुए रिजर्व बैंक ने यह पाबंदी लगाई थी। यह कार्रवाई एचडीएफसी बैंक के लिए बड़ा झटका थी क्योंकि वह देश का सबसे बड़ा क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता था और अब भी अव्वल है।
आरबीआई की कार्रवाई के बाद जगदीशन ने पूरी विनम्रता दिखाते हुए बैंक के ग्राहकों से क्षमा मांगी और इस समस्या को दूर करने के लिए जोर-शोर से जुट गए। 2021-22 के अंत तक बैंकिंग नियामक एचडीएफसी बैंक के प्रयास से संतुष्ट हुआ और पाबंदियां हटा लीं। यह संकट के दौरान उनके कुशल नेतृत्व का प्रमाण है, जिसे निर्णायक मंडल ने भी सराहा।
निर्णायक मंडल के चेयरमैन मूंदड़ा ने कहा, ‘एचडीएफसी बैंक लगातार मजबूत वित्तीय प्रदर्शन कर रहा है। इसने शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ाया है तथा व्यापक आधार के बावजूद इसका वृद्धि अनुपात काफी प्रभावशाली है। जगदीशन ने कार्यभार संभालने के बाद सामने आने वाली तकनीकी चुनौतियों को कुशलता से दूर किया।’ मूंदड़ा ने जगदीशन को बधाई देते हुए कहा, ‘यह उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता को भी दर्शाता है।’
पुरस्कार के लिए वित्त वर्ष 2021-22 की अवधि के प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया था। इस दौरान एचडीएफसी बैंक का शुद्ध मुनाफा 18.8 फीसदी बढ़कर 36,961.3 करोड़ रुपये रहा। शुद्ध ब्याज आय 11 फीसदी बढ़कर 72,009.6 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान बैंक ने शुद्ध ब्याज मार्जिन 4.0 फीसदी पर बरकरार रखा।
एचडीएफसी बैंक का सकल गैर-निष्पादित आस्तियों का अनुपात भारतीय बैंकों के सर्वश्रेष्ठ अनुपातों में शुमार होता है। 2020-21 के 1.32 फीसदी से घटकर यह 1.17 फीसदी रह गया। परिसंपत्तियों पर औसत रिटर्न 2.03 फीसदी रहा और इक्विटी पर रिटर्न 16.9 फीसदी दर्ज किया गया।
2021-22 के अंत में ऋण बाजार में एचडीएफसी बैंक की हिस्सेदारी 11.2 फीसदी और जमा में 9.5 फीसदी हिस्सेदारी थी। 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ यह देश का सबसे मूल्यवान ऋणदाता है। वित्त वर्ष 2022 के अंत में एचडीएफसी बैंक के 7 करोड़ से अधिक ग्राहक थे, 6,300 शाखाएं थीं और इसका कारोबार 30 लाख करोड़ रुपये का था, जो बैंकिंग दिग्गज भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरा सबसे अधिक है।
एचडीएफसी बैंक में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त होने से पहले जगदीशन बैंक में वित्त, मानव संसाधन, कानूनी एवं सचिवीय, प्रशासन, बुनियादी ढांचा, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन तथा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के साथ रणनीतिक बदलाव एजेंट के तौर पर सेवाएं दे रहे थे।
पेशे से चार्टर्ड अकाउंट जगदीशन ने भौतिकी में विशेषज्ञता के साथ विज्ञान में स्नातक किया है। उन्होंने ब्रिटेन की शेफील्ड यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स ऑफ मनी, बैंकिंग ऐंड फाइनैंस में स्नातकोत्तर भी किया है।