विशेष

BS Manthan 2025: दुनिया उथल-पुथल के दौर में; हमें सिर्फ मजबूत नहीं, बल्कि ‘एंटी-फ्रैजाइल’ सिस्टम चाहिए- PK Mishra

नीति निर्माण को लेकर पीके मिश्रा ने कहा कि नीति बनाने से पहले हमें जोखिम और अनिश्चितता का विश्लेषण करना चाहिए।

Published by
अंशु   
Last Updated- February 27, 2025 | 3:25 PM IST

BS Manthan 2025: राजधानी नई दिल्ली के ताज पैलेस में गुरुवार 27 फरवरी को बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों में भारत के लिए आगे बढ़ने की राह और तरीका क्या है, इस पर वह अपना नजरिया सामने रखा। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया पहले से कहीं ज्यादा अनिश्चित हो गई है।

मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 के दौरान पूरी दुनिया उथल-पुथल में थी। शुरुआत में किसी को समझ नहीं आया कि महामारी की प्रकृति क्या है, लेकिन समय के साथ इस संकट से निपटने के उपाय खोजे गए। महामारी खत्म होते ही रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हो गया और फिर मध्य पूर्व में संकट गहरा गया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया पहले से कहीं ज्यादा अनिश्चित हो गई है।

अनिश्चितताओं से निपटने में सक्षम होंगे

पीके मिश्रा ने कहा कि पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा काफी सकारात्मक रही। उन्होंने कहा, “जिस तरह से पीएम मोदी ने बैठकें संभालीं और संयुक्त बयान जारी किया, उससे मुझे लगता है कि हम इन अनिश्चितताओं का प्रभावी तरीके से सामना कर सकेंगे।”

Also read: बाजार इस समय ‘मंथन’ से गुजर रहा, सही संतुलन बनाना ही असली मंथन- Uday Kotak

सिर्फ मजबूत नहीं, बल्कि ‘एंटी-फ्रैजाइल’ सिस्टम की जरूरत

नीति निर्माण को लेकर पीके मिश्रा ने कहा कि नीति बनाने से पहले हमें जोखिम और अनिश्चितता का विश्लेषण करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जोखिम और अनिश्चितता में फर्क होता है। कुछ मामलों में (जैसे कोविड-19 महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध) आप विभिन्न संभावित परिदृश्यों की सटीक संभावना का अनुमान नहीं लगा सकते। इसलिए, हमारी प्रणाली केवल मजबूत (resilient) नहीं, बल्कि ‘एंटी-फ्रैजाइल’ (anti-fragile) होनी चाहिए, ताकि वह इन अनिश्चितताओं का प्रभावी रूप से सामना कर सके।

First Published : February 27, 2025 | 2:52 PM IST