BS Manthan 2025: राजधानी नई दिल्ली के ताज पैलेस में गुरुवार 27 फरवरी को बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ में बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज और कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के फाउंडर और डायरेक्टर उदय कोटक (Uday Kotak) ने देश की मौजूदा आर्थिक वृद्धि और चुनौतियों पर अपनी राय रखी। उदय कोटक ने कहा, “ट्रंप के दौर में हमने एक अलग तरह का बदलाव देखा है। पहले देश अपने फायदे के साथ दूसरों का भी ध्यान रखते थे, लेकिन अब वे सिर्फ अपने छोटे फायदे के बारे में सोच रहे हैं।”
उदय कोटक ने कहा, “हमें ऐसी दुनिया चाहिए जहां हम अपनी राय खुलकर व्यक्त कर सकें।” उन्होंने कहा, “बाजार और फाइनैंशियल जगत में राजनीति की भूमिका बढ़ती जा रही है। अब राजनीति का असर फाइनैंस पर पहले से ज्यादा बढ़ रहा है। यह गेम थ्योरी का एक जाना-माना सिद्धांत है। हम ऐसी दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं जहां ताकत ही सबसे बड़ी ताकत बन गई है।”
कोटक ने कहा, “कुछ सेक्टर्स में वैल्यूएशन काफी ज्यादा हो गया है। इस समय अमेरिका बाकी दुनिया से अलग और मजबूत स्थिति में है। अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद पूरी दुनिया भारी मात्रा में डॉलरीकरण देखेगी। लेकिन भारतीय इस फ्लो में बहुत सकारात्मक स्थिति में है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय बचतकर्ता अब निवेशक बन रहा है, और यह एक बहुत अच्छा संकेत है। मगर बचतकर्ता जो अब निवेशक बन रहे हैं, वे वैल्यूएशन को ठीक से नहीं समझ पा रहे हैं। कोटक ने कहा, “बाजार इस समय ‘मंथन’ से गुजर रहा है। अगर आप निवेशक हैं, तो निवेश कम करने के लिए तैयार रहें, नहीं तो बचतकर्ता बने रहें। सही संतुलन बनाना ही असली मंथन है।”
उदय कोटक ने कहा कि “हम एक ऐसे दौर में पहुंचेंगे जब भारतीय वैल्यूएशन आकर्षक हो जाएगी।” उन्होंने निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि “फ्री मार्केट की दुनिया में नीति, निवेश और रणनीति के लिए तैयार रहना जरूरी है, क्योंकि बाजार ऊपर-नीचे हो सकता है।”
उदय कोटक ने भारतीय उद्योगों से डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की अपील की। उन्होंने कहा, “इस समय जब देशों के बीच विश्वास कमजोर हो रहा है, भारत को अपनी डिफेंस मजबूत करनी चाहिए। हम अपनी आत्मनिर्भरता और डिफेंस सेक्टर को कितनी तेजी से बढ़ा सकते हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है।”
उदय कोटक ने बैंकिंग सेक्टर की मजबूती पर जोर देते हुए कहा, “बैंकों की बैलेंस शीट इतनी मजबूत होनी चाहिए कि वे झटकों को झेल सकें।” उन्होंने वित्तीय क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा उत्प्रेरक (कैटेलिस्ट) बताया और कहा, “अगर भारत टॉप तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना चाहता है, तो वित्तीय क्षेत्र को और अधिक योगदान देना होगा।”
उन्होंने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के सफर को याद करते हुए कहा, “मैंने बैंकिंग का पूरा चक्र देखा है, एशियाई संकट से लेकर 2008 के वित्तीय संकट तक और फिर भारतीय बैंकिंग सिस्टम के विकास तक। भारत आज एक सुरक्षित स्थिति में है।”
उदय कोटक ने कहा कि भविष्य में फिजिकल बैंकिंग की रफ्तार धीमी हो जाएगी। उन्होंने नियामकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “वित्तीय क्षेत्र को सही दिशा में ले जाने का श्रेय नियामकों को जाता है।”
उदय कोटक का मानना है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और “न्यूनतम सरकार, अधिकतम गवर्नेंस” के सिद्धांत को अपनाकर निजी निवेश को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने सरकार को तीन प्रमुख कदम उठाने की सलाह दी: पहला, भारतीय उद्यमों में फिर से जोश भरना; दूसरा, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में संतुलन लाना; और तीसरा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में गिरावट को रोकना, क्योंकि यह सालाना आधार पर काफी घटा है। उन्होंने कहा कि FDI में कुछ स्थिरता आई है, लेकिन इसे और मजबूत करने की जरूरत है।
इसके साथ ही, कोटक ने इस बात पर जोर दिया कि नई पीढ़ी शेयर बाजार में निवेश करना चाहती है, इसलिए इसे और आकर्षक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने वैश्विक उपभोक्ता ब्रांड बनाने और मजबूत साइबर प्रवर्तन प्रणाली (cyber enforcement system) विकसित करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रकाशन के 50 वर्ष पूरे होने के साथ ही आयोजित दो दिन का यह कार्यक्रम सरकार, नीति-निर्माण और उद्योग जगत की सबसे प्रभावशाली हस्तियों को एक मंच पर लाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार की सुबह सम्मेलन का उद्घाटन किया और मुख्य भाषण दिया। फायरसाइड चैट के दौरान उन्होंने विश्व व्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका और जरूरी रणनीतियों पर चर्चा कीं। बता दें कि यह मंथन का दूसरा संस्करण है।
सम्मेलन के पहले दिन कई जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी, जिनमें प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा भी रहेंगे। अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों में भारत के लिए आगे बढ़ने की राह और तरीका क्या है, इस पर वह अपना नजरिया सामने रखेंगे। भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत दुनिया भर में चल रहे आर्थिक घटनाक्रम पर अपनी राय रखेंगे।
भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यस्था होने के बावजूद, कई अवसरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध, संरक्षणवादी नीतियां, और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर अनिश्चितता देश की आर्थिक और भू-राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना रही हैं। राजधानी नई दिल्ली के ताज पैलेस में गुरुवार 27 फरवरी से शुरू हुए बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ में अगले दो दिन इन्हीं अहम मुद्दों पर गहन चर्चा होगी।
(डिस्क्लेमर : बिज़नेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक परिवार के नियंत्रण वाली इकाइयों की बहुलांश हिस्सेदारी है।)