आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की अगुआई में देश के अग्रणी कानून, प्रबंधन तथा प्राइवेट इक्विटी के क्षेत्र के प्रमुखों का प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल बिज़नेस स्टैंडर्ड के सालाना कॉर्पोरेट उत्कृष्टता पुरस्कार 2022 के विजेताओं के नाम तय करने के लिए बुधवार को बैठक करेगा।
बिड़ला के अलावा निर्णायक मंडल के सदस्यों में जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल, सोरिन इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक और चेयरमैन संजय नायर, ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी, मैकिंजी ऐंड कंपनी के सीनियर पार्टनर नोशिर काका, सिरिल श्रॉफ में मैनेजिंग पार्टनर सिरिल अमरचंद मंगलदास, बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी इंडिया के चेयरमैन अमित चंद्रा और मल्टीपल्स अल्टरनेट ऐसेट मैनेजमेंट की संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक रेणुका रामनाथ शामिल हैं।
निर्णायक मंडल की बैठक वर्चुअल होगी जिसमें वे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले कारोबारी जगत की हस्तियों की सूची में से देश के सर्वश्रेष्ठ उद्यमी के नाम पर मुहर लगाएंगे। शीर्ष प्रदर्शन करने वाले कॉर्पोरेट की प्रारंभिक सूची बिज़नेस स्टैंडर्ड रिसर्च ब्यूरो द्वारा मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष के अहम वित्तीय आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है। छांटे गए उम्मीदवारों को प्रतिष्ठित जूरी द्वारा विजेता के तौर पर चुने जाने के लिए गुणात्मक पहलुओं पर भी खरा उतरना होगा।
कुल मिलाकर सात श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें ‘सीईओ ऑफ द इयर’, ‘कंपनी ऑफ द इयर’, ‘स्टार एमएनसी’, ‘स्टार पीएसयू’, ‘स्टार एसएमई’ के साथ ही ‘स्टार्टअप ऑफ द इयर’ और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ अवॉर्ड भी प्रदान किया जाएगा।
समीक्षाधीन अवधि मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष पिछले साल के दौरान कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद पुनरुद्धार का वर्ष था। इसके अलावा यह मार्च 2021 से जून 2021 के बीच कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण पैदा हुई अनिश्चितताओं के बाद का वर्ष भी था।
जूरी में भारतीय उद्योग जगत अग्रणी कारोबारी शामिल हैं। जूरी में 55 वर्षीय जानेमाने उद्योगपति बिड़ला सबसे कम उम्र के सदस्य हैं। वह पिछले 28 वर्षों से आदित्य बिड़ला समूह का नेतृत्व कर रहे हैं। बिड़ला की रणनीति और दृष्टिकोण के कारण समूह की कई कंपनियों को अपने क्षेत्र में अग्रणी बनने में मदद मिली है। उनके नेतृत्व में समूह का कुल कारोबार 30 गुना बढ़कर 60 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। दुनिया के 36 देशों में कारोबार कर रहे भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह मार्च 2024 तक पेंट कारोबार में उतरने की योजना बना रहा है।
सज्जन जिंदल जेएसडब्ल्यू समूह के प्रमुख हैं और वह जेएसडब्ल्यू स्टील को देश की शीर्ष इस्पात कंपनियों की जमात में लाने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं। जिंदल के नेतृत्व में समूह ने अपने बिजली कारोबार का विस्तार किया और सीमेंट, बुनियादी ढांचा एवं पेंट जैसे उच्च वृद्धि वाले क्षेत्रों में प्रवेश किया। जेएसडब्ल्यू वेंचर्स के जरिये समूह शुरुआती अवस्था वाले स्टार्टअप में निवेश करता है। इसी प्रकार जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के जरिये समूह ने विभिन्न टीमों (आईपीएल की दिल्ली कैपिटल्स, आईएलटी 20 की दुबई कैपिटल्स आदि) में भी हिस्सेदारी खरीदी है। समूह का वार्षिक राजस्व अब 22 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
केकेआर इंडिया के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी और सोरिन इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक एवं चेयरमैन संजय नायर देश में कई प्रमुख प्राइवेट इक्विटी सौदों में अहम भूमिका निभाई है। केकेआर से पहले वह सिटीबैंक इंडिया के प्रमुख थे। नायिका में उनके परिवार की बहुलांश हिस्सेदारी है।
रेणुका रामनाथ देश की सबसे अनुभवी निजी इक्विटी फंड प्रबंधकों में से एक हैं। दुनिया भर से जुटाई गई पूंजी के भारत में निवेश को लेकर उनका प्रदर्शन असाधारण रहा है। अतीत में उन्होंने आईसीआईसीआई समूह में कई कारोबारों को सफलतापूर्वक तैयार किया है जिनमें निवेश बैंकिंग, ई-कॉमर्स और निजी इक्विटी शामिल हैं।
तकरीबन एक दशक तक प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अधिकारी की भूमिका में उन्होंने आईसीआईसीआई वेंचर्स को देश के सबसे बड़े निजी इक्विटी फंड्स में से एक बनाया। उन्होंने 2009 में मल्टीपल्स के रूप में दो अरब डॉलर के फंड की स्थापना की। वह मल्टीपल असेट मैनेजमेंट की संस्थापक और सीईओ हैं।
मेमानी ने 1980 के दशक के मध्य में अन्र्स्ट ऐंड यंग (ईवाई) से जुड़े और ईवाई इंडिया के चेयरमैन और क्षेत्रीय प्रबंध साझेदार बने। मेमानी ईवाई के वैश्विक कार्यकारी बोर्ड के सदस्य तथा तथा उभरते बाजारों से संबंधित उसकी वैश्विक समिति के चेयरमैन भी हैं। इस समिति के चेयरमैन के रूप में उनके दायित्वों में उभरते बाजारों का संपर्क विकसित बाजारों से कराना तथा उभरते बाजारों को निवेश संबंधी मशविरे देना शामिल है। वह सीआईआई की राष्ट्रीय परिषद के भी सदस्य होने के साथ-साथ उसकी कर संबंधी राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन भी हैं।
काका ने 2011 से 2016 तक प्रबंध निदेशक के रूप में मैकिंजी इंडिया का नेतृत्व किया। 2016 से 2020 तक वह मैकिंजी के वैश्विक एनालिटिक्स प्रैक्टिस के प्रमुख रहे। काका ने इस फर्म की वैश्विक आउटसोर्सिंग और ऑफशोरिंग प्रैक्टिस तथा भारत में उसके बिजनेस टेक्नॉलजी कार्यालय की स्थापना की। वह मैकिंजी की अंशधारक परिष्ज्ञद के सदस्य रहे हैं और मैकिंजी नॉलेज सेंटर के सलाहकार बोर्ड में शामिल हैं। इस समय वह वरिष्ठ साझेदार हैं और कंपनी की वैश्विक तकनीकी, मीडिया और दूरसंचार प्रैक्टिस का नेतृत्व करते हैं।
श्रॉफ सीरिल अमरचंद मंगलदास के प्रबंध साझेदार हैं। वह देश के शीर्ष अधिवक्ताओं में शामिल हैं जिनकी कंपनियों पर खास पकड़ है। चैंबर्स ग्लोबल उन्हें अक्सर स्टार प्रैक्टिशनर घोषित करता रहा है और उन्हें अक्सर भारत का ‘एमऐंडएम किंग’ कहा जाता है। वह एक विचारवान और दृष्टा व्यक्ति हैं।
श्रॉफ को देश में कई ऐसे लेनदेन के लिए जाना जाता है जो देश में अपनी तरह के अनूठे थे। उनके पास 40 वर्ष का लंबा अनुभव है जिसमें कॉर्पोरेट और सिक्योरिटीज कानून, बैंकिंग, दिवालिया, विवाद और अधोसंरचना शामिल हैं।
चंद्रा ने 2008 में भारत में बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी के कार्यालय की स्थापना की थी और वह इस फर्म के भारतीय कारोबार के साझेदार और चेयरमैन हैं। वह उसके वित्तीय और कारोबारी सेवा क्षेत्र को भी देखते हैं तथा एशिया प्रशांत लीडरशिप टीम के सदस्य हैं।