संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे के कारण बुधवार को लगातार तीसरे दिन गतिरोध कायम रहा। दोनों में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे के उपरांत पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों ही सदनों में प्रश्नकाल एवं शून्यकाल सामान्य ढंग से नहीं चल पाए। संसद में अगले सप्ताह पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो सकती है।
लोक सभा में सरकार की ओर से दो विधेयक पेश किए गए। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। लोक सभा में विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया।
बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘संसद के अंदर और बाहर आपका व्यवहार और कार्यपद्धति मर्यादित होने चाहिए। देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़े मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है।’ हंगामे के बीच ही खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 सदन में पेश किए।
राज्य सभा में सदन की बैठक शुरू होने पर शून्यकाल में उप सभापति हरिवंश ने कहा कि नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं। लेकिन व्यवस्था के मुताबिक कामकाज के लिए ये नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। इसका विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। हंगामा करते हुए कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे भी आ गए। इस कारण उच्च सदन में प्रश्नकाल भी नहीं चल सका।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी दलों के नेता अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025 विचार करने एवं पारित करने के लिए पेश करने को कहा। किंतु हंगामे के कारण इस विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी।
उच्च सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की आज उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें विपक्षी दलों के सदस्यों ने अगले सप्ताह से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिवसीय चर्चा कराए जाने तथा इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू भी शामिल हुए। राज्य सभा के निवर्तमान सभापति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पहली बार यह बैठक आयोजित हुई। धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते बीएसी की बैठक का समय सोमवार के बाद बार-बार बदला गया।
बैठक के बाद राज्य सभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस बैठक में विपक्ष ने मांग की कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लोक सभा में चर्चा शुरू होने के अगले दिन इसे राज्य सभा में भी आरंभ किया जाए और इसके लिए कुल 16 घंटे निर्धारित किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष चाहता है कि चर्चा के दौरान कोई प्रस्ताव पारित न किया जाए और चर्चा सामान्य तरीके से चले। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी सदन में मौजूद रहें।