लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) के नतीजे आने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है। दावा किया जा रहा है कि राज्य में एक बार फिर से सियासी उठापठक हो सकती है।
इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की सभी दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन सताधारी महायुति (NDA) और विपक्षी महाविकास आघाडी (इंडी) गठबंधनों में दरार बढ़ती जा रही है। दोनों गठबंधनों में टूट की अटकलें तेज हो गई हैं।
महाराष्ट्र में इस समय एक तरफ बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी का गठबंधन (महायुति) है। दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस का गठबंधन है।
लोकसभा चुनाव में महायुति ने 48 में से 17 और महाविकास आघाडी ने 30 सीटों पर जीत हासिल की है। महायुति में अजीत पवार को लेकर अनबन की खबरें तेज है तो महायुति में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) की नहीं बन रही है।
भाजपा के लिए गले की फांस बने अजीत पवार
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में महायुति को मिली कम सीटों को लेकर बयानबाजी जारी है। भाजपा, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी कारणों की तलाश में जुटी है। साथ ही तीनों ही दल विपक्ष पर संविधान को लेकर झूठा प्रचार करने का आरोप लगा रही है।
इस बीच आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में कहा गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा की लोकसभा चुनाव में हार का एक कारण उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के साथ गठबंधन था। ऐसे में अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा अजित पवार के साथ संबंध तोड़ देगी। भाजपा और शिवसेना मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है ।
महाराष्ट्र में ‘इंडिया’ गठबंधन में टूट का खतरा
दरअसल, लोकसभा चुनाव में जीत के बाद उद्धव ठाकरे और कांग्रेस में खटपट शुरू हो गई थी। इसकी वजह मुंबई और सांगली की सीट मानी जा रही है। साथ ही दोनों दलों में विधान परिषद की सीट को लेकर भी विवाद है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो सभी 288 सीटों पर तैयारी शुरू कर दें।
महाराष्ट्र की कमान संभालने को तैयार शरद पवार
लोकसभा की दस सीट पर चुनाव लड़ कर आठ पर जीत हासिल करने वाले शरद पवार अब खुलकर राज्य की राजनीतिक पिच पर खेलना शुरु कर दिये हैं। वह राज्य की बागडोर संभालने को तैयार है।
अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए पवार कहते हैं कि अगले तीन या चार महीने में राज्य विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मेरा प्रयास राज्य की कमान संभालने का होगा और इसे हासिल करने के लिए हमें विधानसभा चुनाव जीतना होगा।
शरद पवार ने इस दौरान याद दिलाया कि वह चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, एक दशक तक केंद्रीय कृषि मंत्री और दो साल तक रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह सब तभी संभव हो सकता है जब आपके पास सामूहिक शक्ति हो।
विधानसभा के मैदान में मनसे ने भी ठोका ताल
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने भी आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीट में से 225-250 सीट पर चुनाव लड़ने के लिए अपने कार्यकर्ताओं को तैयार रहने के लिए कह रही है।
मनसे ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को समर्थन देने की घोषणा की थी। राज ठाकरे ने एनडीए के लिए प्रचार भी किया। हालांकि, उनकी पार्टी कहीं भी मैदान में नहीं थी।
मनसे का गठन 2006 में हुआ था और उसने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2009 में लड़ा था। इस चुनाव में उसने 13 सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2014 और 2019 के राज्य चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन फीका रहा और दोनों बार उसे केवल एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई।