कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते छह महीनों में 1.54 लाख उद्यमियों को 11,702 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है। प्रदेश सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में 82 लाख से ज्यादा छोटे व मझोले उद्योगों को कर्ज उपलब्ध कराया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख नई इकाइयां लगाई गई। विभिन्न बैंकों से मिले आंकड़ों के अनुसार, इस साल एक अप्रैल से 21 सितंबर तक 15,4691 लोगों ने 11,702.37 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इनमें 1,51,878 एमएसएमई ने 1,07,23.41 करोड़ रुपये का लोन लिया है, जबकि 2,813 एमएसएमई ने इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (इसीएलजीएस) के तहत 978.96 करोड़ रुपये का लोन लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए एमएसएमई पार्क की स्थापना की जा रही है। इसके तहत यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर 29 और 32 में सूबे का पहला एमएसएमई पार्क स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा जल्दी ही आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में भी ऐसे ही पार्क बनाए जाएंगे। इन छह जिलों में एमएसएमई इकाइयों की भारी तादाद है।
कोरोना संकट के दौरान एमएसएमई द्वारा लिए गए कर्ज से अनेक उद्यमियों ने ऑक्सीजन संयंत्र, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर जैसे उपकरणों का भी निर्माण शुरू किया। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में भी एमएसएमई इकाइयों ने मास्क, पीपीई किट और सेनेटाइजर बनाना शुरु किया था, वहीं इस बार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, थर्मल स्कैनर, यूवी चैंबर, वेंटिलेटर आदि उपकरण बनाने का काम बड़े पैमाने पर होने लगा है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से कृषि क्षेत्र के बाद एमएसएमई सबसे महत्वपूर्ण है। एमएसएमई की सं या के लिहाज से देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 14.2 फीसदी है। एमएसएमई क्षेत्र के माध्यम से प्रदेश लगातार तीन वर्षों से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर रहा है। आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में एमएसएमई इकाइयों की भारी तादाद है। लघु उद्यम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में तत्कालीन सपा सरकार के दौरान 6,35,583 एमएसएमई को लोन दिया गया था। जबकि 2017 में योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 एमएसएमई को लोन दिया गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10.24 लाख उद्यमियों और 2019-20 में 17.45 लाख लोगों को कर्ज दिया गया है, जबकि इस साल 1 अप्रैल से 21 सितंबर तक 1,54,691 लोगों ने 11,702.37 करोड़ रुपए का लोन मुहैया कराया गया है।
