जब देश में चंद महीनों पहले ठंडी पड़ रही थी, उस वक्त भी यहां का जिंस बाजार गर्म था। देश के जिंस उत्पादों की कीमत में जिस तरह तेजी आई है, उसे बाजार के पंडित भी बस आनेवाले समय की एक झलक मान रहे हैं।
सबसे ज्यादा तेजी तो इस्पात की कीमतों में आई है। पर विश्लेषकों की मानें तो आने वाले समय में इसमें और तेजी आ सकती है।कुकिंग कोल की कीमतों को ही लें तो इसमें जनवरी से मार्च तक ही 58.62 प्रतिशत की तेजी आई है।
अब यह बढ़कर 920 रु प्रति क्विंटल तक जा पहुंची है। लौह-अयस्क की बात करें तो इसकी कीमत इस दौरान 8 फीसदी बढ़ चुकी है। पर अल्युमिनियम और तांबे का हाल भी इससे अलग नहीं है। कीमतों में वृद्धि तो तकरीबन सभी में हुई है।
अल्युमिनियम का भाव 18 फीसदी बढ़कर 11 हजार रु. प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा है। तांबा भी अब तक केरेकॉर्ड स्तर 36 हजार प्रति क्विंटल तक जाकर ही रुका। इसकी कीमतों में हुई तेजी 31 फीसदी की रही।
बात यदि लौह-अयस्क की करें तो इसकी कीमतों में आनेवाली तेजी इसके कच्चे माल के महंगे होने से हुई है। यह 15 प्रतिशत बढ़कर अब 42 हजार प्रति टन तक के स्तर पर जा पहुंचा है। विशेषज्ञ इस तेजी की जड़ें चीन में ढूंढ रहे हैं।
ऊर्जा की कमी की वजह से वहां की 50 स्टील और कई अल्युमिनियम मिलों ने अपने उत्पादन में कटौती कर दी है। इससे वहां की सरकार ने इन उत्पादों के निर्यात में कटौती कर दी है। इससे न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में इनकी कमी हो गई है।
तांबे की खपत के लिहाज से चीन सबसे बड़ा उपभोक्ता है फिर भी इसकी खपत वहां थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंदुस्तान कॉपर के मार्केटिंग महाप्रबंधक आर.पी. सिंह के अनुसार विश्व बाजार में तांबे की घोर कमी हो चुकी है।
फिलहाल इसने 38 हजार के रेकॉर्ड स्तर को छू लिया है। उनके अनुसार आगामी जून-जुलाई तक इसके और चढ़ने की उम्मीद है। भारत में खपत होने वाला 95 फीसदी तांबा चूंकि आयातित होता है इसलिए हमारे देश में इसकी कीमत तांबे की विदेशी कीमत से तय होती है।
सिंह के मुताबिक स्टॉक मार्केट मे आयी अस्थिरता की वजह से कई बैंकों और संस्थाओं ने अब जिंस कारोबार की ओर रुख किया है, इससे भी कीमतों में तेजी आयी है।
बाजार में फिलहाल इस बात पर मोटी सहमति है कि आनेवाले दिनों में देश का जिंस बाजार यहां के मौसम के अनुरूप ही गर्म होगा।
स्टील कंपनियों के अनुसार इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले महीनों में हॉट रॉल्ड क्वॉयल की कीमतें आसमान पर पहुंचेंगी। कुकिंग कोल की कीमत भी 12 हजार प्रति टन तक जा सकती है।
अल्युमिनियम भी इसका अपवाद नहीं है। उतार-चढ़ाव भरे इस कारोबार के एक बाजीगर के मुताबिक इसकी कीमत 2600 से 2700 डॉलर प्रति टन तक जाकर ही स्थिर होगी। इस तेजी को थामना अभी संभव नहीं दिखता।