जल्द होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियां जी जान लगा रही हैं। अब हिमाचल प्रदेश को ही ले लीजिए। राज्य में शिमला, कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर ही 4 संसदीय क्षेत्र हैं।
लेकिन इन क्षेत्रों में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में से कोई भी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। दोनों ही पार्टियों में एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ मची हुई है।
हालांकि भाजपा ने इन चारों सीटों पर अपने प्रत्याशियों का नाम घोषित कर कांग्रेस से बाजी मार ली है। जबकि कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों पर अभी भी विचार कर रही है। आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वित्त वर्ष 2009-10 के लिए कर रहित बजट पेश किया था।
इस बजट का उद्देश्य किसानों और सरकारी कर्मचारियों को खुश करना ही था। दरअसल राज्य में वोट देने वाले लोगों में इन्हीं दो श्रेणियों के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। बजट में किसानों को लुभाने के लिए सेब, टमाटर, आलू और आम जैसी नकदी फसल के इंश्योरेंस की सुविधा मुहैया कराई है। इसके साथ ही सरकार ने आम आदमी की जरूरतों का भी ध्यान रखा।
सरकार ने आम आदमी के लिए बस के किरायों में 10 फीसदी की कमी और ग्रामीण इलाकों में चलने वाली बसों के लिए सड़क कर माफ करने की भी घोषणा की है। सीएफएल, साबुन, घी और तेल पर लगने वाला कर 12.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपये की कर छूट दी है।
साथ ही राज्य में कम से कम 110 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन दिया जाएगा। राज्य के उद्योगपतियों को रिझाने के लिए भी राज्य सरकार ने बुनियादी सुविधाएं, उच्च और तकनीकी शिक्षा को और बेहतर बनाने की योजना बनाई है। इससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
वोटरों को लुभाने के लिए सरकार ताबड़तोड़ नई घोषणाएं कर रही है। सरकार सेल के नए संयंत्र, मंडी में आईआईटी और नाहन में नए इस्पात संयंत्र को अपनी उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपा रही है। भाजपा सरकार का दावा है कि उसने एक साल में वह कर दिखाया है जो कांग्रेस पिछले पांच साल में नहीं कर पाई थी।
पार्टी इसी मुद्दे पर वोट बटोरने की कोशिश कर रही है। हालांकि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा कांग्रेस के शासन के दौरान शुरू की गई परियोजनाओं का भी झूठा श्रेय ले रही है।
किसानों को दी सेब और आम जैसी नकदी फसलों के इंश्योरेंस की सुविधा
सरकार का दावा पिछले 1 साल में वो किया जो कांग्रेस ने 5 साल में नहीं किया