उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में इतालवी कंपनी ग्रेजियानो ट्रांसमिशियानो के प्रमुख की बेकाबू कर्मचारियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद राज्य सरकार उद्योगों के साथ मधुर संबंध बनाने को लेकर काफी गंभीर हो गई है।
सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पुलिस बल की ‘औद्योगिक संबंध इकाई’ का गठन किया है। इस इकाई की अध्यक्षता पुलिस उप निरीक्षक (डीएसपी) स्तर के अधिकारी करेंगे और इकाई सामान्य पुलिसिंग और उद्योगों के बीच मुख्य संपर्क सूत्र की तरह काम करेगी।
इस इकाई के तहत दो त्वरित कार्य दल (क्यूआरटी) का गठन किया गया है। ये दल नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लिए हैं। क्यूआरटी का काम किसी भी औद्योगिक इकाई में मजदूर के असंतोष की किसी भी खबर पर तेजी कार्रवाई करना होगा।
सामान्य पुलिस के आने से पहले यह दल हालात को संभालने का काम करेगा। यह इकाई क्षेत्र में परिचालन कर रही सभी औद्योगिक इकाइयों के आंकड़े तैयार कर रहा है।
इस आंकड़ों में वरिष्ठ अधिकारियों का नाम, पता, ईमेल, फोन नंबर शामिल है। गौतम बुद्घ नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ग्रेटर नोएडा क्यूआरटी ने काम करना शुरू कर दिया है और अगले दो दिनों के भीतर नोएडा क्यूआरटी काम करना शुरू कर देगा।
इससे पहले ग्रेजियानो के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी एल के चौधरी की भरी दोपहर कुछ बेकाबू कर्मचारियों ने हत्या कर दी थी।
कर्मचारी कंपनी की शर्तो का विरोध कर रहे थे। दुर्घटना के दौरान कंपनी के कई अन्य अधिकारी और मजदूर भी घायल हुए। पूरे मामले में नोएडा पुलिस पर काफी देरी से कार्रवाई करने का आरोप लगा, जबकि उसे इस अनबन की खबर पहले से थी।
उसने पर्याप्त पुलिस बल की तैनानी नहीं की। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और तत्काल कड़े कदम उठाने का आदेश दिया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। पुलिस उद्योगों द्वारा अपने परिसर में क्लोज सर्किट कैमरे लगाने पर भी जोर दे रही है।
एसएसपी ने बताया कि हम इन कंपनियों में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी प्रशिक्षण देंगे। पुलिस पहले ही स्थानीय उद्योग प्रतिनिधियों के साथ दो बैठकें कर चुकी है। इस बीच भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में उठाए जा रहे कदमों का स्वागत किया है।
सीआईआई की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रमुख अमिताभ नागिया ने बताया कि ‘निवेशकों के हित में उठाया गया है कदम है ताकि निवेशकों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को कायम किया जा सके। उत्तर प्रदेश में निवेशकों को लगना चाहिए कि उनका निवेश सुरक्षित है।’