वैट की दरें बढ़ाने के बाद भी उत्तर प्रदेश को राजस्व घाटे में हो रही लगातार कमी की चिंता सता रही है।
सूबे के ज्यादातर अधिकारी इन दिनों राजस्व वसूली की करीब-करीब रोज समीक्षा कर रहे हैं और इसे बढ़ाने की कवायद चीफ सेक्रेटरी के स्तर से चल रही है। बीते तीन महीनों से लगातार वैट के जरिए मिलने वाले राजस्व में 20 फीसदी की कमी दर्ज की जा रही है।
अधिकारियों ने घटते राजस्व घाटे को देखते हुए एक बार फिर से कुछ चीजों पर वैट की दर बढ़ाने की तैयारी की है। गौरतलब है कि वैट दरें बढ़ाने के बाद भी अक्टूबर के महीने में 1642 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विपरीत कुल 1382 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला है। सितंबर में 1495 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष केवल 1159 करोड़ रुपये की वसूली की थी।
जबकि अगस्त में 1441.7 करोड़ रुपये के लक्ष्य के बजाय केवल 1243 करोड़ रुपये की ही वसूली की थी। लगातार बढ़ते राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने सितंबर के दूसरे सप्ताह में कुछ चीजों पर वैट बढ़ाकर कुछ अतिरिक्त राजस्व जुटाने की सोची थी।
हालांकि घाटे को देखते हुए यह उपाए नकाफी साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार के इस फरमान के बाद मंहगाई से पहले से त्रस्त प्रदेश की जनता के इस्तेमाल की लगभग सभी चीजें मंहगी हो गईं हैं। बढ़ी हुई वैट दरों के बाद व्यापारियों ने चीजों के दाम बढ़ाकर कर बेचना चालू कर दिया है। वैट मे भारी बढ़ोत्तरी के विरोध में व्यापरियों ने आर-पार लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक के बाद कंप्यूटर, सेलफोन, साबुन, फेस क्रीम, टीवी, टायर, सायकिल, रिक्शा, फ्रिज, एयर कंडीशनर, शीरा, पाइप, कॉफी, जेली, जूस, सुपारी, सीडी, डीवीडी जैसी 38 चीजों पर वैट की दर 4 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 कर दिया है।
साथ ही इन पर प्रवेश कर भी लगेगा। मोटर वाहन, चेसिस, स्टील और एल्यूमिनयिम पर भी वैट की दर बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दी है। हालांकि बाद में व्यापारियों के विरोध के चलते सरकार ने सेलफोन और लैपटॉप पर वैट की दरों को घटा दिया है। वैट लागू होने के बाद से किराना सहित ज्यादातर चीजों के दाम बढ़ गए हैं। प्रदेश भर के व्यापारी वैट की दरें कम करने को लेकर आंदोलनरत हैं।