facebookmetapixel
टाटा म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ETF फंड-ऑफ-फंड में नए निवेश की सुविधा फिर से शुरू कीअगर यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से आपका फोन हाथ से गिर जाए तो आपको क्या करना चाहिए?Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14.5% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, आय बढ़कर ₹8,805 करोड़ परकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेन

Taxi app pricing: क्या ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं में फोन के आधार पर किराया बदलता है?

सर्वेक्षण में सामने आए डार्क पैटर्न, छिपे शुल्क और फोन डेटा के आधार पर भेदभाव के आरोप

Last Updated- December 27, 2024 | 10:59 PM IST
taxi

क्या ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं की बुकिंग के किराये में अंतर लाने में इस बात की कोई भूमिका होती है कि फोन किस प्रकार का है?

कम्युनिटी आधारित मंच लोकल सकर्ल्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इन ऐप की सेवाएं लेने वालों ने पाया कि समान सवारी के लिए एंड्रॉयड फोन और आईफोन पर अलग-अलग किराए दिखते हैं। ऐसे में इस बात को लेकर संदेह बढ़ रहा है कि इन ऐप पर कीमतों का एल्गोरिदम क्या ऐपल उपयोगकर्ताओं से अधिक शुल्क लेने के हिसाब से तैयार किया गया है।’

भारत सरकार ने जिन 13 डार्क पैटर्न की पहचान की है उसमें यह शामिल नहीं है कि कैसे कैब से जुड़े ऐप उपयोगकर्ताओं के हार्डवेयर डेटा तक अपनी पहुंच बना लेते हैं जिसे उन्हें ऐप इंस्टॉल करते वक्त सहमति देनी होती है। लोकल सर्कल्स ने उपभोक्ताओं के डार्क पैटर्न से जुड़े अनुभवों का जायजा लेने के लिए एक सर्वेक्षण कराया है जिसमें उन्हें सवारी कैंसिल करने के लिए मजबूर किया जाता है और आखिर में दंडशुल्क लगाए जाने और साथ ही कम कीमत वाले विज्ञापन दिखा कर अधिक शुल्क चुकाने के लिए मजबूर किए जाने वाले अनुभव हैं। लोकलसर्कल्स सर्वेक्षण में देश के 269 जिले के 33,000 ऐप टैक्सी उपयोगकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

इस सर्वेक्षण के कुछ अहम बिंदु

1. इस सर्वेक्षण में 61 प्रतिशत पुरुषों ने जबकि 39 फीसदी महिलाओं ने हिस्सा लिया
2. सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले करीब 42 फीसदी ऐप टैक्सी यूजरों का कहना है कि उन्हें कर के अतिरिक्त कुछ अन्य छिपे शुल्क देने का अनुभव हुआ जिसका खुलासा पहले नहीं किया गया था
3. करीब 84 फीसदी टैक्सी उपयोगकर्ताओं का कहना है कि उन्हें जबरन अपनी सवारी कैंसिल करने के लिए मजबूर किया गया
4. 78 फीसदी ऐप टैक्सी उपयोगकर्ताओं का कहना है कि उन्हें मंच के द्वारा कम कीमत के दावे से लुभाने और बाद में अधिक कीमत चुकाने (बेट ऐंड स्विच) का अनुभव भी हुआ है
5. उन्हें बुकिंग शुरू करने से पहले जो वेटिंग समय दिखा वह ड्राइवर के उन तक पहुंचने में लगने वाले वास्तविक समय से काफी कम था
6. उबर चार तरह के डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करता है जिसमें जबरन कैंसिल करने जैसे कदम उठाने, इंटरफेस से जुड़े हस्तक्षेप, बेट ऐंड स्विच और ड्रिप प्राइसिंग यानी पहले कम कीमत बताना और बाद में पूरी कीमत का खुलासा करने जैसी चीजें शामिल हैं
7. ओला तीन तरह के डार्क पैटर्न का इस्तेमाल करता है जिसमें जबरन कैंसिल करने जैसे कदम, बेट ऐंड स्विच और ड्रिप प्राइसिंग भी शामिल है

First Published - December 27, 2024 | 10:59 PM IST

संबंधित पोस्ट