महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने के साथ ही मौजूदा प्रतिबंधों को कम करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। कारोबारी संगठन, सरकार और राजनीतिक दलों से दुकानें खोलने की गुहार लग रहे हैं, तो सरकार 1 जून से चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों में छूट देने पर विचार कर रही है। हालांकि सरकारी खेमे से आ रहे अलग-अलग बयानों ने कारोबारियों की चिंता बढ़ा दी है।
मुंबई में कारोबारी संगठनों की तरफ से राज्य में 1 जून से सभी दुकानें खोलने की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र के कारोबारी संस्थाओं के संगठन फाम का प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार सहित दूसरे नेताओं से मिलकर कारोबारियों की समस्याएं बताकर 1 जून से दुकानें खोलने की मांग की है। फाम के उपाध्यक्ष जितेन्द्र शाह ने कहा कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू प्रतिबंध 1 जून को खत्म हो रहे हैं। पिछले 55 दिनों से दुकानें बंद है, कारोबारी वर्ग बरबाद हो चुका है। अब उसे दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए। हम सरकार द्वारा तैयार कोरोना नियमों का पालन के साथ दुकान खोलेंगे। शाह कहते हैं कि कारोबारियों की बातों से लगभग सभी नेता सहमत है, इसलिए उम्मीद है कि 1 जून से मुंबई में दुकानें खोलने दी जाएंगी।
सरकार की तरफ से भी प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के संकेत मिल रहे हैं, लेकिन बुधवार को मुंबई के संरक्षक मंत्री असलम शेख के एक बयान से व्यापारियों की धड़कनें बढ़ गईं। शेख के बयान से ऐसा लगता है कि मुंबई में यह लॉकडाउन लंबा हो सकता है। शेख ने कहा कि मुंबई में जब तक 50 फीसदी लोगों को टीका नहीं लग जाता है, तब तक लॉकडाउन उठाना, मतलब कोरोना को दोबारा निमंत्रण देना होगा। इसलिए मुंबई में लॉकडाउन अलग-अलग चरणों मे उठाना होगा। शुरुआत में सैलून, हार्डवेयर और अन्य आवश्यक दुकानों को खोला जाए। बाद में बाकी दुकानों और अन्य चीजों को शुरू किया जाना चाहिए। फिलहाल राज्य सरकार ने छाता, रेनकोट और तिरपाल आदि की दुकानों को खोलने की इजाजत दी है। मॉनसून के सिर पर आ जाने की वजह से शहरी और ग्रामीण भाग में बारिश से बचने के लिए तिरपाल लगाने की जरूरत होती है। इसलिए इन दुकानों को अत्यावश्यक सेवा में शामिल किया गया है।
कारोबारियों की मांग को राजनीतिक हवा भी मिलना शुरु हो गई है। साथ ही राज्य में 1 जून से कारोबारी पाबंदियों को नहीं मानने की आवाज भी उठने लगी हैं। मुंबई सहित राज्य के अलग अलग हिस्सों से दुकानें खोलने की मांग की जा रही है। एआईएमआईएम के औरंगाबाद से लोकसभा सदस्य इम्तियाज जलील ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वे 1 जून के बाद भी लॉकडाउन जैसी पाबंदियों को बढ़ाने का समर्थन करेंगे, बशर्ते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे घोषणा करें कि सरकार इस अवधि में दुकानदारों के बिजली के बिलों तथा करों में छूट देगी। यदि मांग नहीं मानी गई, तो हमने तथा औरंगाबाद के व्यवसायियों ने 1 जून से दुकानें खोलने का फैसला किया है। मनसे नेता सुहास दशरठे ने कहा कि कोविड-19 के मामले औरंगाबाद में कम हुए हैं और कारोबारियों को अपनी दुकानें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। यदि प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता है, तो मनसे उनकी दुकानें खोलेगा। पुणे में भी 1 जून से सभी दुकानों को खोलने की मांग व्यापारियों द्वारा की जा रही है। हालांकि पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने सभी दुकानों को खोलने की मंजूरी न देने की बात कही है। कोरोना की दूसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूरे शहर को एक साथ अनलॉक करना खतरे से खाली नहीं होगा।
1 जून से दुकानें खोलने की मांग और प्रतिबंधों में छूट या कम करने पर सरकार की तरफ से अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। कोरोना के कम होते मामलों और कारोबारियों की मांग को देखते हुए सरकार अब मौजूदा प्रतिबंधों को कम करने पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा चल रही है। महाराष्ट्र में चार चरणों में अनलॉक प्रकिया का फैसला लिया जा सकता है। पहले और दूसरे चरण में दुकानों पर निर्णय लिया जा सकता है। मॉनसून के चलते सरकार इसे लेकर गंभीर है। माना जा रहा है कि मेंटिनेंस और मॉनसून से संबंधित दुकानों को खोलने की अनुमति दी जा सकती है। राज्य में इन दुकानों के खुलने के समय को बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में कई दुकानों को सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 बजे से 11 बजे के बीच ही खोलने की अनुमति है। अब ऐसी खबर है कि दुकानों का समय बढ़ाकर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जा सकता है। दुकानों के अनलॉक के साथ दिशानिर्देश (एसओपी) भी तैयार किए जाएंगे ताकि संक्रमण का प्रसार फिर से न हो।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले दिनों साफ कहा था कि वह अनलॉक पर फैसला लेने से पहले 10 बार सोचेंगे। पिछली बार कोरोना नियंत्रण में आने के बाद महाराष्ट्र में अनलॉक की प्रक्रिया तेज हो गई थी। इसके चलते दूसरी लहर में पहले से भी ज्यादा तेजी से संक्रमण हुआ। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों रत्नागिरी दौरे पर कहा था कि कोराना में कमी आ रही है, लेकिन इस संबंध में मैं कुछ बोलूंगा नहीं। पहली लहर का हमने सबक लिया है। राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बताया कि लोकल ट्रेनों में अगर सभी को यात्रा की अनुमति दी गई, तो भीड़ बढ़ जाएगी। इसीलिए अगले 15 दिन तक तो सभी को लोकल में सफर की इजाजत नहीं दी जा सकती। मंत्री ने कहा कि मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या घटी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है। अत्यावश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए लोकल सेवा सीमित करने का असर अब दिखना शुरू हुआ है। इसीलिए फिलहाल सभी के लिए लोकल यात्रा सुलभ करने का कोई विचार नहीं है।
