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चिदंबरम को विकास का सहारा

Last Updated- December 11, 2022 | 5:50 AM IST

पी चिदंबरम जिस मुस्तैदी और कार्यकुशलता के साथ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालते हैं, कुछ ऐसी ही मुस्तैदी के साथ इन दिनों वह एक दूसरे काम में व्यस्त हैं।
चिदंबरम अपने संसदीय क्षेत्र शिवगंगा में चुनाव प्रचार में दिन रात जुटे हुए हैं। बीते शुक्रवार को उन्होंने 30 गांवों का दौरा किया और हर गांव में वह करीब 5 मिनट का भाषण दे रहे थे। उनके भाषण कार्यक्रम के लिए पुआल की छत वाला पंडाल तैयार किया गया था जिसे बड़ी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जा सकता है।
इस पंडाल में पीछे की ओर एक बैनर लगा हुआ था जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि और खुद चिदंबरम की तस्वीर लगी हुई थी। भले ही इस बैनर का रंग कुछ फीका पड़ गया था, पर जिन लोगों की तस्वीरें इस पर थीं उनके चेहरों पर मुसकान बरकरार थी।
शिवगंगा संसदीय सीट से चिदंबरम के खिलाफ जिन दूसरी पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, खुद उनका मानना है कि चिदंबरम के इस सीट से खड़ा होने के कारण उनके लिए जंग मुश्किल हो गई है। इसी सीट से एआईएडीएमके के उम्मीदवार राजा कण्णपन चिदंबरम को ‘मजबूत उम्मीदवार’ बताते हैं जिनसे उन्हें चुनावी जंग लड़नी है।
देवकोट्टाई में चिदंबरम के कैंप में शामिल एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कण्णपन के बारे में बताया, ‘उनके पास बहुत पैसा है। पहले एआईएडीएमके के प्रत्याशी कमजोर हुआ करते थे, पर इस बार हम उन्हें इतनी आसानी से नहीं ले सकते हैं।’
पिछले चुनाव में चिदंबरम ने अपने क्षेत्र से कुल 60 फीसदी मत हासिल किए थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी को महज 35 फीसदी मत ही मिले थे। पर इस बार चिदंबरम के खिलाफ एक पूर्व राज्य मंत्री को उतारा गया है जिन्होंने 1991 से 96 के बीच पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा और राजमार्ग का मंत्रालय संभाला है।
वित्त मंत्री के तौर पर चिदंबरम ने जो काम किया है उन्हीं के दम पर वह शिवगंगा में चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि पियादरनैनताल गांव में वह कुछ इस लहजे में अपने भाषण की शुरुआत करते हैं, ‘शिवगंगा में मैंने 43 बैंकों की शाखाएं खोली हैं। पहले आप लोगों को साहूकारों से 60 फीसदी की ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ता था।
पर अब ये बैंक 12 फीसदी की दर पर आपको कर्ज मुहैया करा रहे हैं। मेरे विरोधी उम्मीदवार का आरोप है कि मैंने आपको कर्ज लेने के लिए उकसाया है। पर सच्चाई तो यह है कि वह चाहते हैं कि आप साहूकारों से ही कर्ज लेते रहें।’
अपने चुनावी भाषण के दौरान वह लोगों को किसानों की ऋण माफी गिनाने से भी नहीं चूकते हैं। वह बताते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी संसदीय सीट में लोगों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया है। पर चिदंबरम बड़ी चतुराई के साथ श्रीलंका तमिल मसले पर हुई दो बैठकों के बारे में कुछ भी नहीं बोलते हैं जिनमें बिजनेस स्टैंडर्ड भी मौजूद था।

First Published - May 4, 2009 | 6:00 PM IST

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