महामारी के दौरान कीमतों में बढ़ोतरी की प्रमुख वजह सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक में व्यवधान रही है। साथ ही यूक्रेन में युद्ध का भी असर पड़ा। उसके बाद लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने की वजह से फर्मों ने कीमतों में बढ़ोतरी की। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में यह सामने आया है।
भारतीय स्टेट बैंक के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्यकांति घोष द्वारा लिखी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह अनुमान लगाना गलत है कि संकेद्रण से फर्मों की कीमतें तय करने की शक्ति प्रभावित होती है और इससे प्रमुख महंगाई दर कम नहीं होती है।’
रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने हाल के एक शोध लेख में कहा था कि भारत में प्रमुख महंगाई दर बरकरार होने की वजह शीर्ष 5 कॉरपोरेट घरानों की क्रय शक्ति है।
Also read: Higher EPS pension: EPFO का नया सर्कुलर जारी, हायर पेंशन के लिए जानिये क्या करना होगा
SBI की रिपोर्ट में 7 क्षेत्रों- दूर संचार, FMCG, दोपहिया, यात्री वाहन (पैसेंजर वाहन) , खुदरा कारोबार (Retail Trade), स्टील एवं मूल धातुओं (Steel & Basic Metals) का विश्लेषण किया गया है।