ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में पारादीप तट के पास पुलिस ने एक कबूतर को पकड़ा है। समझा जा रहा है कि इस कबूतर को जासूसी करने के लिए भेजा गया था। कबूतर कथित तौर पर कैमरा और माइक्रोचिप से लैस था। यह कबूतर मछुआरों द्वारा मछली पकड़ने वाले एक जाल पर बैठा हुआ था। इसे पकड़ कर पारादीप में बंदरगाह पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस को शक है कि इस कबूतर को जासूसी करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
स्थानीय समाचार चैनलों ने खबर चलाई कि कबूतर के शरीर पर नीले और लाल रंग में कोई संदेश भी लिखा था। समुद्र में तट से 35 किलोमीटर दूर मछुआरों ने करीब 10 दिन पहले इसे पकड़ा था। पारादीप मछली बंदरगाह लौटने पर उन्होंने बुधवार को कबूतर बंदरगाह पुलिस के हवाले कर दिया।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कोई कबूतर जासूसी के आरोप में दबोचा गया है। 2016 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने कबूतर को पकड़ा था। पठानकोट में इस कबूतर से एक नोट बंधा हुआ मिला था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी दी गई थी। उसी वर्ष पठानकोट के वायुसेना अड्डे पर आतंकवादियों ने हमला किया था। 2021 में भी बीएसएफ ने सीमा पार से आए एक कबूतर के खिलाफ कथित जासूसी करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी। यह कबूतर कथित तौर पर भारतीय सीमा में घुस आया था। समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी थी कि इस कबूतर के पैरों में लिपटे कागज के एक छोटे टुकड़े पर किसी का फोन नंबर लिखा था।
कई सदियों से से कबूतरों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक संवाद पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता रहा है। विश्व युद्ध के दौरान भी युद्ध ग्रस्त क्षेत्रों में कूट संदेश पहुंचाने के लिए घरेलू कबूतरों का इस्तेमाल किया गया था।
ओडिशा पुलिस राज्य में एक विशिष्ट कबूतर सेवा चला रही है। इस सेवा में 150 कबूतरों का इस्तेमाल हो रहा है। ये कबूतर राज्य स्तरीय कार्यक्रमों एवं समारोह में शांति एवं सद्भाव के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।
ओडिशा की पुलिस पिजन सर्विस में स्थिर (स्टैटिक), संवाद ले जाने और लाने वाले और चलंत कबूतरों की तीन श्रेणियां हैं। स्थिर कबूतर बाढ़ एवं चक्रवात के दौरान तैनात किए जाते हैं और एकतरफा संवाद के लिए उपयोगी साबित होते हैं। उड़ान भर कर दोबारा लौट आने वाले कबूतर पुलिस स्टेशनों और सुदूर इलाकों के बीच संपर्क सूत्र का काम करते हैं। इसके उलट पुलिस टुकडि़यों के साथ चलने वाले कबूतर पुलिस मुख्यालयों के साथ संवाद करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं।
हाल के महीनों में दुनिया में कथित जासूसी के कई मामले सामने आए हैं। पिछले महीने अमेरिका के ऊपर मंडराने वाले चीन के जासूसी गुब्बारे की खबर से वॉशिंगटन में खलबली मच गई थी। अमेरिका के लड़ाकू विमानों ने इस गुब्बारे को नीचे गिरा दिया था। दूसरी तरफ, चीन ने इस बात से इनकार किया कि उसका यह गुब्बारा जासूसी करने के लिए छोड़ा गया था। चीन ने कहा था कि यह मौसम का अनुमान लगाने वाला गुब्बारा था जो अपनी राह से भटक गया था।