facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

बिहार में स्मार्ट बनेगा जॉब कार्ड

Last Updated- December 07, 2022 | 3:03 AM IST

बिहार में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मिलने वाला जॉब कार्ड अब रंगीन होगा। इसमें कार्डधारी परिवार का फोटो होगा और साथ ही काम की प्रकृ ति और मजदूरी का पूरा ब्यौरा रहेगा।


जॉब कार्ड 36 पृष्ठों का होगा और इसकी कीमत पौने छह रुपये होगा। इसे बनाने का खर्च योजना के फंड से किया जाएगा। नए मॉडल के बारे में सभी जिलों को निर्देश भेजे जा चुके हैं।

बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के सूत्रों के मुताबिक नया जॉब कार्ड बहुरंगी होगा और इसका आकार ए-4 कागज का आधा होगा। कार्ड के लेमिनेटेड कवर और कागज की मोटाई का फैसला बिहार सरकार करेगी। इस कार्ड में पंजीकृत परिवारों के बारे में सारी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। मिसाल के तौर पर इसमें मस्टर रोल संख्या, मजदूरी, बेरोजगारी भत्ता, डाकघर और बैंक की खाता संख्या आदि  का विवरण होगा।

कार्ड में पंजीकृत परिवारों के वयस्कों की फोटो , मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र संख्या का भी जिक्र होगा। कार्ड में परिवार में सदस्यों की संख्या के साथ साथ रोजगार कार्ड संख्या ,गांव, पंचायत, प्रखंड और जिला का कोड नंबर भी दर्ज होगा। नए जॉब कार्ड में परिवारों के द्वारा मांगे गए काम की प्रकृ ति, उनको दिया जाने वाला काम और उस तारीख का भी जिक्र होगा जिस दिन काम दिया गया।

विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि संबद्ध अधिकारियों को ऐसे निर्देश दिए जा रहे हैं कि इस कार्ड को बनाने में आनेवाले खर्चों को वैट और अन्य करों से मुक्त रखा जाए।बिहार में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के संयुक्त प्रयास से चल रहा है। इसकी फंडिंग के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा देय राशि का अनुपात 90:10 है।

अप्रशिक्षित कामगारों पर आनेवाले सारे खर्चों का वहन भारत सरकार करती है और अर्द्धप्रशिक्षित या प्रशिक्षित कामगारों के संदर्भ में केंद्र सरकार 25 प्रतिशत खर्च का वहन करेगी। बेरोजगारी भत्ते का वहन राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है। बेरोजगारी भत्ता तब दिया जाता है, जब निर्धारित अवधि में पंजीकृत व्यक्ति को काम नहीं मिल पाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना देश भर में लागू हो चुकी है और यह योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार है।

वैसे बिहार में इस योजना को क्रियान्वित करने के संदर्भ में कई तरह की खामियां भी रोशनी में आई थी। हालांकि इसके बावजूद सरकार यह प्रयत्न कर रही है कि योजना को सही दिशा में कार्यान्वित किया जा सके। बिहार के कई जिलों में निर्धारित अवधि में पंजीकृत व्यक्तियों को रोजगार नही मिलने की शिकायत आई है। इसके अलावा जिन व्यक्तियों को रोजगार दिया भी गया उसके पारिश्रमिक वितरण में अनियमितताएं पाई गई।

बहुत सारे जिलों में तो योजना के मानदंडों पर खरे उतरने वाले लोगों को रोजगार तक उपलब्ध नही हो पाया। ग्रामीण रोजगार गारंटी  योजना के क्रियान्वयन में हो रही इस गड़बड़ी की वजह से लोगों में इस योजना के प्रति असंतोष भी दिखाई दे रहा है। हालांकि कुछ लोगों को इस योजना से लाभ भी पहुंचा है।

रोजगार का लेखा-जोखा (संख्या लाख में)

कुल व्यक्ति                       855.1 लाख
अनुसूचित जाति              390.44 (45.66 प्रतिशत)
अनुसूचित जनजाति        21.02 (2.46 प्रतिशत)
महिलाएं                           227.62 (26.62 प्रतिशत)
अन्य                                443.64 (51.88 प्रतिशत)
कुल फंड                          1525.31 करोड़ रुपये
कुल खर्च                          1052.78 करोड रुपये
कुल कार्य                         90510

First Published - June 3, 2008 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट