दिल्ली की तकरीबन एक-तिहाई आबादी कोरोनावायरस के संपर्क में आ चुकी है। सीरोलोजिकल सर्वेक्षण के दूसरे दौर में यह जानकारी मिली है। इसमें बताया गया है कि राजधानी हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) के चरण से काफी दूर है। यह स्तर 40 से 50 प्रतिशत लोगों में ऐंटीबॉडी विकसित होने पर सामने आता है। इस सर्वेक्षण के लिए अगस्त के पहले सप्ताह के दौरान नमूने लिए गए थे। इनसे पता चला है कि 29.1 प्रतिशत लोगों में ऐंटीबॉडी विकसित हो चुकी हैं।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा जून-जुलाई की अवधि में किए गए पहले सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई थी कि राजधानी के लगभग 23 प्रतिशत लोग कोरोनावायरस के संपर्क में आ चुके हैं। सितंबर और अक्टूबर के पहले सप्ताह में सीरो-सर्वेक्षण के दो दौर और होने हैं।
दिल्ली सरकार के एक बयान में कहा गया है कि इस सर्वेक्षण में 12,598 स्त्री-पुरुषों के विश्लेषण से पता चला है कि 28.3 प्रतिशत पुरुषों और 32.2 प्रतिशत महिलाओं में कोविड की ऐंटीबॉडी दिखाई दी हैं। आयु के आधार पर वर्गीकरण से जानकारी मिलती है कि ऐंटीबॉडी वाले लगभग 35 प्रतिशत लोग 18 वर्ष से कम आयु वाले थे तथा तकरीबन 29 प्रतिशत लोग 18 से 49 आयु वर्ग के थे, जबकि 31 प्रतिशत लोग 50 वर्ष से अधिक आयु वाले थे।
सीरो-सर्वेक्षण में लोगों के समूह से रक्त के नमूने एकत्रित किए गए थे ताकि कोविड-19 की ऐंटीबॉडी के लिए उनकी जांच की जा सके। अगर जांच पॉजिटिव पाई जाती है, तो यह दर्शाता है कि वह व्यक्ति पहले संक्रमित हो चुका है। वैज्ञानिक मार्गदर्शन उपलब्ध कराते हुए यह सर्वेक्षण उन लोगों का प्रतिशत बताता है जिनमें संक्रमण का अधिक जोखिम होता है और उन क्षेत्रों की ओर संकेत करता है जहां रोकथाम के अधिक प्रयासों की आवश्यकता होती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 दिनों के दौरान मामलों का दैनिक इजाफा एक प्रतिशत से कम रहने के साथ ही दिल्ली में कोरोनावायरस के मामले गुरुवार सुबह 1,56,139 हो गए।
सर्वेक्षण में ऐंटीबॉडी वाले 33 प्रतिशत लोगों के साथ दिल्ली के दक्षिण-पूर्व जिले में सबसे तीव्र 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सर्वेक्षण के अनुसार कोरोनावायरस के संपर्क में आने वाले लोगों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर-पूर्व जिले में रही। हालांकि पिछले सर्वेक्षण की तुलना में जिले में न्यूनतम सात प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने पहले कहा था कि इस रोग के प्रसार का अध्ययन करने के लिए राज्यों में कई सीरो सर्वेक्षण किए जाएंगे और ऐंटीबॉडी का पता लगाने के लिए उन्हें एलिसा परीक्षण किट उपलब्ध कराई जाएगी।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश में सही होने वालों की दर बढ़कर 73.91 प्रतिशत हो गई है। 20,96,664 मरीज कोविड-19 से उबर चुके हैं। मंत्रालय ने कहा है कि देश में 6,86,395 सक्रिय मामलों में से केवल 0.28 प्रतिशत ही वेंटिलेटर पर हैं।
