वर्ष 2010 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का स्तर और पदकों की संख्या बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने 678 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों (सीसीईए) की समिति की बैठक में केन्द्रीय युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय की इस योजना को मंजूरी दी गई।
वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने संवाददाताओं को बताया कि इस योजना का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं खासतौर से नई दिल्ली में 2010 में होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता तथा पदकों की संख्या को बढ़ाना है। यह योजना चालू वित्त वर्ष से शुरु होकर तीन भवर्षों के लिए होगी।
अक्षय ऊर्जा समझौते को मंज़ूरी
सीसीईए ने विज्ञान एवं प्रैद्योगिकी के क्षेत्र में कनाडा के साथ हुए समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में अक्षय ऊर्जा मंत्रालय और कनाडा के राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के बीच हुए समझौते को मंजूरी दी गई।
भागलपुर दंगा पीड़ितों को पैकेज
बिहार के भागलपुर में हुए दंगों के लगभग दो दशक बाद केन्द्र ने आज दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों और घायल हुए व्यक्तियों के लिए 29.81 करोड़ रुपये के राहत एवं पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई कैबिनेट की बैठक में इस पैकेज को मंजूरी दी गई।
इस राहत पैकेज के तहत भागलपुर में 1989-90 में हुए सांप्रदायिक दंगों में मारे गए प्रत्येक 844 लोगों के परिजनों को साढे तीन लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा। कैबिनेट के फैसले के अनुसार यह राशि उसके अतिरिक्त होगी जो राज्य सरकार पहले ही पीड़ितों को दे चुकी है।
इस पर 29 करोड़ 54 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पैकेज के तहत इन दंगों में गंभीर रूप से घायल प्रत्येक व्यक्तियों को सवा लाख रुपये दिए जाएंगे। हालांकि यह राशि राज्य सरकार द्वारा उन्हें पहले दी जा चुकी रकम से समायोजित की जाएगी। इस पर 26 लाख 99 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे।
जल संसाधन के लिए 234 करोड़ मंजूर
सरकार ने 11वीं योजना के दौरान जल संसाधन संबंधित सूचना व्यवस्था के विकास के लिए 234 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। चिदंबरम ने बताया कि 234 करोड़ 30 लाख रुपये की अनुमानित लागत वाली इस योजना का उद्देश्य जल संसाधन के बारे में विभिन्न स्रोतों से जरूरी सूचनाएं एकत्रित करके एक सूचना व्यवस्था विकसित करना है। इससे देश में जल संसाधन के क्षेत्र में अनुसंधान से जुड़े संगठनों, एजेंसियों के बारे में जरूरी सूचनाएं उपलब्ध हो सकेंगी।