चक्रवाती तूफान के कारण गुजरात के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में गुजरात में करीब 45 लोगों की मौत भी हुई है। 200 से अधिक तालुकों में बारिश हुई।
उधर नौसेना अधिकारियों के अनुसार बजरे पी-305 पर मौजूद लोगों में से कम से कम 26 की मौत हो चुकी है जबकि 65 लोग अब भी लापता हैं। यह बजरा चक्रवात के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर डूब गया था। नौसेना के एक अधिकारी ने आज बताया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए उसके जवानों ने बजरे पी-305 पर मौजूद 273 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है और 2 लोगों को ‘टगबोट’ वरप्रदा से बचाया गया है।
मौसम विभाग ने कहा कि तौकते गुजरात के तट से ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर ‘गंभीर चक्रवाती तूफान’ तथा बाद में और कमजोर होकर अब ‘चक्रवाती तूफान’ में बदल गया है। इसके कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। चक्रवात दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया । इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया।
उधर खनन पर निर्भर इकाइयों के शीर्ष संगठन गोवा माइनिंग पीपुल्स फ्रंट ने कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान से हुए विध्वंस से राज्य की दिक्कतें और बढऩे के साथ उसने उच्चतम न्यायालय से गोवा में खनन तत्काल बहाल करने की अपील की है। गौरतलब है कि 2018 में उच्चतम न्यायालय के खनन के 88 पट्टे रद्द करने के साथ गोवा में खनन पर रोक लग गयी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के चक्रवात ‘तौकते’ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मोदी के महाराष्ट्र न जाने पर सवाल उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री का गुजरात और दीव में चक्रवाती तू्फान से प्रभावित इलाकों का दौरा क्या महाराष्ट्र के साथ भेदभाव नहीं है क्योंकि वह (महाराष्ट्र) भी इस तूफान से प्रभावित हुआ है।
हवाई सर्वे के बाद प्रधानमंत्री ने एक समीक्षा बैठक के बाद राहत संबंधी तत्काल गतिविधियों के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि चक्रवात से पैदा हुई परिस्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और राज्य सरकारों द्वारा नुकसान का ब्योरा भेजे जाने के बाद उन्हें भी तत्काल केंद्रीय सहायता मुहैया कराई जाएगी।
प्रधानमंत्री ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव तथा दादर और नागर हवेली में चक्रवात के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की।
