अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर का परिसर अब और भी बड़ा होने जा रहा है। राम जन्मभूमि मंदिर परिसर को अब 70 एकड़ के बजाय 107 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा जिसमें कई यात्री सुविधाएं व अन्य आकर्षण जोड़े जाएंगे। इस भव्य परिसर को बड़ा करने के लिए आसपास के रहने वाले लोगों से जमीन खरीदी जाएगी। इस संबंध में मंदिर ट्रस्ट ने सर्वे के साथ ही आसपास के लोगों से जमीन की खरीद के संबंध में बातचीत भी शुरू कर दी है। बीते दिनों ट्रस्ट ने मंदिर परिसर से सटी हुई जमीन की खरीद भी की है। राम मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही इसमें संग्रहालय, सभागार, विश्राम गृह, लाकर रुम, थियेटर, प्रदर्शनी हाल, पार्किंग सहित कई नागरिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हाल ही में अयोध्या में एक करोड़ रुपये की कीमत अदा कर 7,285 वर्ग फीट जमीन खरीदी है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा के मुताबिक परिसर विस्तार के लिए अभी और जमीन की आवश्यकता है जिसके लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ट्रस्ट के विस्तार लक्ष्य को पूरा करने के लिए 14.30 लाख वर्ग फीट जमीन की और जरुरत है। जमीन उपलब्ध होते ही मंदिर के निर्माण के साथ ही संग्रहालय, पुस्तकालय, सभागार व अन्य सुविधाओं को बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा।
ट्रस्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक हाल ही में मंदिर निर्माण के लिए दान जुटाने के लिए चलाए गए समर्पण निधि अभियान के प्रति लोगों के उत्साह को देखते हुए मंदिर परिसर के विस्तार की योजना बनाई गयी है। समर्पण निधि अभियान के 44 दिनों में देश भर से 2,100 करोड़ रुपये एकत्रित किया गया है। इस अभियान में 10 लाख टोलियों में करीब 40 लाख लोगों ने निधि जुटाने का काम किया।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास बीते साल 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके निर्माण व प्रबंधन के लिए बनाए गए ट्रस्ट के चेयरमैन महंत नृत्यगोपाल दास को बनाया गया है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय में लंबे समय तक काम करने वाले नौकरशाह नृपेंद्र मिश्रा इसके साथ जुड़े हुए हैं। ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी लार्सन ऐंड टुब्रो को सौंपी है, जबकि अन्य सुविधाओं का विकास टाटा कन्सलटिंग इंजीनियर्स को दिया गया है। ट्रस्ट सदस्यों का कहना है कि मुख्य मंदिर का निर्माण पांच एकड़ में किया जा रहा है जिसका पहला चरण अगले साल तक पूरा कर लिया जाएगा।
