गुजरात सरकार दिल्ली मुंबई फ्रेट कॉरीडोर (डीएमआईसी) के तहत प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक विशेष क्षेत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
डीएमआईसी परियोजना का लगभग 40 फीसदी हिस्सा गुजरात में होगा। इस योजना में अगले कुछ वर्षो के भीतर 4 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। गुजरात के उद्योग मंत्री सौरभ पटेल ने बिजनेस स्टैंडर्ड की अहमदाबाद में आयोजित हुई राउंड टेबल 2008 में कहा कि सरकार राज्य में उन क्षेत्रों को चिन्हित कर रही है जिनमें विभिन्न देशों के लिए विशेष क्षेत्र का निर्माण किया जाना है। इसके अलावा हमने इसके लिए कुछ कानूनी प्रावधानों को शमिल किया जा रहा है।
इस राउंड टेबल में ‘गुजरात ग्रोथ स्टोरी: दि वे अहेड’ विषय रखा गया था। डीएमआईसी योजना में जापान द्वारा साझा किये जाने के बाद कई जापानी कंपनियों ने इस योजना में निवेश की इच्छा जताई है। इसके लिए राज्य सरकार ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2009 जापान के साथ आयोजित करने का मन बनाया है।
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर जापान राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो ऐसा पहली बार होगा जब गुजरात सरकार इतनी बड़ी निवेश बैठक को किसी अन्य देश के साथ आयोजित करेगा। नई औद्योगिक नीति के अनुसार राज्य तीन नए आर्थिक कॉरिडोरों का निर्माण चार विशेष निवेश क्षेत्रों और डीएमआईसी के साथ 10 लाजिस्टीक्स पार्कों के साथ करेगा।
जिन तीन आर्थिक कारिेडोरों को राज्य सरकार द्वारा चयनित किया गया है उनमें भरू च- दाहेज-उमरगांव, बड़ोदरा- महसाना-पालनपुर और सुरेंद्रनगर-राजकोट- कांडला- मोरबी शमिल है। लाजस्टिक पार्को के साथ डीएमआईसी कॉरीडोर पालनपुर-महसाना, अहमदाबाद सुरेंद्रनगर, गांधीधाम, समाखीयारी, दहेज-भडूच और हाजिरा-सूरत में स्थापित किया जाएगा।
गुजरात को इस योजना के लिए भारी मात्रा में विदेश निवेश प्राप्त होने की उम्मीद है। इसी बात को लक्ष्य करते हुए गुजरात सरकार इस मुद्द् पर अपनी अगली बैठक आयोजित करेगी। इससे पहले जापान सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल ने गुजरात सरकार से डीएमआईसी के तहत अपने देशों के लिए विशेष निवेश जोन बनाने का अनुरोध किया था।
गुजरात सरकार ने डीएमआईसी परियोजना के तहत तीन विशेष क्षेत्र बनाने का फैसला किया है। राज्य इस परियोजना को केन्द्र में रखकर औद्योगिक विकास की रुप रेखा तैयार कर रहा है और परियोजना के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के ढांचागत विकास पर विशेष तौर से ध्यान दिया जा रहा है। दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर का विकास जापान सरकार के सहयोग से किया जा रहा है और इसके दायरे में आठ राज्य शामिल हैं।