टेक्सटाइल उद्योग के लिए मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। मांग में आई कमी से निर्यात को 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है, वहीं करीब 5 लाख कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है।
सोमवार को जब वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया तो टेक्सटाइल उद्योग के लिए रियायतों की कोई सौगात नहीं देखी गई। वर्द्धमान टेक्सटाइल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस पी ओसवाल ने बताया, ‘टेक्सटाइल उद्योग पहले से ही बुरे दौर से गुजर रहा था। बजट में भी कोई प्रमुख घोषणा नहीं की गई है। सरकार को उद्योग के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए थे।’
निर्यात में करीब 20 फीसदी की कमी आई है। वहीं अहमदाबाद के चिरिपाल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष वेद प्रकाश चिरिपाल ने बताया कि पैकिंग क्रेडिट पर ब्याज दरों में दो फीसदी अतिरिक्त छूट सब्सिडी मिलने की उम्मीद की जा रही थी, पर ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई।