उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज गया है। जहां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं के लगातार दौरे हो रहे हैं, वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) फिर से ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनेश्वर मिश्र की जयन्ती पर छह किलोमीटर की साइकिल रैली के जरिये मिशन-2022 का श्रीगणेश कर दिया। समाजवादी पार्टी के कार्यालय से शुरू होकर यह रैली जनेश्वर मिश्र पार्क तक गई।
साइकिल रैली में उमड़े समाजवादियों को देखकर अखिलेश यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार से जनता की नाराजगी को देखकर लगता है कि इस बार समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की 400 सीटें जीतेगी। इस रैली में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कई हजार कार्यकर्ताओं के साथ साइकिल चलाते हुए नजर आए। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने साइकिल यात्रा के माध्यम से नाइंसाफी के खिलाफ आज जंग का एलान किया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि इस साइकिल यात्रा का मकसद किसानों पर थोपे गए काले कानूनों का विरोध करना है, बेरोजगारी से परेशान नौजवानों की आवाज़ बनना है। उन्होंने कहा कि सपा नेता आज़म खां को फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल में रखा गया है। अपराध और भ्रष्टाचार दोनों चरम पर हैं। सपा मुखिया ने कहा कि आज महंगाई बेलगाम हो गई है और महिलाएं सुरक्षित नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पंचायत चुनाव में जिस तरह से धांधली की, उससे लोकतंत्र खतरे में पड़ गया है।
साइकिल यात्रा शुरू करने से पहले प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब अखिलेश यादव ने कहा कि रविवार को मिर्जापुर में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उनकी सरकार ने 2017 के घोषणापत्र के सभी वादे पूरे कर दिए हैं, जबकि सही बात तो यह है कि उन्होंने अभी घोषणापत्र खोलकर देखा भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले तो हम यह सोचते थे कि 2022 में समाजवादी पार्टी 350 सीटें जीतेगी मगर अब तो हालात ऐसे हैं कि हमें लगने लगा है कि कोई ताज्जुब नहीं कि हम 400 सीटें जीत जाएं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा को चुनाव जीतने के लिए छोडिए, लडऩे के लिए ही प्रत्याशी नहीं मिलेंगे।
