देश की जानी-मानी ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स अपने सपने ‘नैनो’ को अक्टूबर तक तय समय सीमा तक बाजार में लाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
कंपनी के सिंगुर संयंत्र में यदि कुछ दिक्कत भी आती है तो कंपनी ने इससे निपटने के लिए भी इंतजाम किया हुआ है। कंपनी का पुणे स्थित संयंत्र और पंतनगर (उत्तराखंड) में नया संयंत्र सिंगुर का विकल्प बनने को तैयार हैं।
दूसरी ओर पुर्जे बनाने वाली कई कंपनियों ने कहा है कि टाटा मोटर्स ने अक्टूबर के लिए जो भी ऑर्डर दिया है वह कारोबार के लिहाज से काफी कम है। इसकी वजह से इसके उत्पादन में देरी हो सकती है। ऑटो पुर्जे उद्योग से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि हमें केवल 50 से 100 कारों के लिए पुर्जों का ऑर्डर मिल रहा है जबकि नैनो जैसी कार के लिए यह कम से कम हजारों में तो होना ही चाहिए था।
सूत्रों का कहना है कि उत्पादन शुरू होने के तीन से छह महीने पहले ही पुर्जे बनाने वाली कंपनियां पुर्जों की आपूर्ति करने लगती हैं। पुर्जा उद्योग के एक दूसरे सूत्र का कहना है कि यदि टाटा मोटर्स यह सोचती है कि जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा वैसे-वैसे पुर्जों का ऑर्डर भी बढ़ा दिया जाएगा। वह बताते हैं कि यह सोचने में जितना आसान लगता है, वास्तव में उतना है नहीं।
टाटा मोटर्स का कहना है कि कार अक्टूबर में ही बाजार में आएगी और इसको लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। कंपनी की वार्षिक आम बैठक के बाद टाटा मोटर्स के मुखिया रवि कांत ने भी इसी तरह के संकेत दिए। शुरुआत में कंपनी की योजना साल भर में ढाई लाख नैनो कार बेचने की है। इसके बाद कंपनी ने हर साल साढ़े तीन लाख नैनो कारें बेचने का लख्य रखा है।
दूसरी ओर पुर्जा निर्माताओं की बात करें तो सोना समूह के अध्यक्ष सुरिंदर कपूर ने कहा है नैनो को पुर्जे आपूर्ति करने के लिए उनकी कंपनी की सिंगुर में इकाई तैयार है और जुलाई से इसकी आपूर्ति शुरू भी हो जाएगी। इसके अलावा ल्यूमैक्स भी पुर्जे आपूर्ति करने के लिए एक छोटी फैक्ट्री सिंगुर में लगाने जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि इन सबके बावजूद भी जर्मन कंपनी रॉबर्ट बॉश जीएमबीएच का रुख काफी अहम रहेगा क्योंकि इसी कंपनी के पास कार के लिए इंजन और कार कंट्रोल सिस्टम बनाने का काम है। टाटा मोटर्स का कहना है कि सितंबर के अंत में कार की बुकिंग शुरू हो जाएगी और अक्टूबर में यह कार सड़कों पर दौड़ती दिखाई देगी।