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झमाझम बरसात में छतरी के नीचे आई मुंबई

Last Updated- December 07, 2022 | 5:03 AM IST

मानसून की पहली फुहार के साथ महीनों से तैयार की जा रही छतरी का बाजार गर्म हो चला है।


इस वर्ष मौसम विभाग द्वारा अच्छे मानसून और जोरदार बारिश की घोषणा किये जाने से इस उद्योग से जुड़े कारोबारियों की बाछें खिल गई हैं। बीते साल के मुकाबले इस साल बाजार काफी अच्छा है। कारोबारियों ने इस मानसून सत्र के लिए करीब 250 तरह की छतरियां बाजार में उतारी हैं।

मुंबई के थोक छतरी बाजार कालबा देवी में लोगों की मांग को पूरा करने के लिए इस उद्योग से जुड़े कर्मचारी जहां इस समय ओवरटाइम कर रहे हैं, वहीं महानगर के व्यापारी और दुकानदार ज्यादा से ज्यादा माल खरीद कर अपने यहां जमा करने में लगे हुए हैं। महंगाई की मार यहां भी देखने को मिल रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार छतरियां थोड़ी महंगी हैं।

थोक बाजार में 30 रुपये से 130 रुपये तक की मौसमी छतरियां मिल रही हैं,जबकि पिछले वर्ष यह कीमत 20 रुपये से 100 रुपये तक थी। बदलते फैशन का इस उद्योग पर भी असर देखने को मिल रहा है। बाजार में अच्छी गुणवत्ता और रंग बिरंगी छतरियों केसाथ चटक रंगों वाले छातों की ज्यादा मांग है। इस उद्योग से जुड़े दीपक भगनानी बताते हैं कि पहले मुश्किल से 5-10 प्रकार केछाते बाजार में आते थे लेकिन इस वर्ष बाजार में लगभग 250 तरह के छाते उपलब्ध हैं।

अम्ब्रेला मैन्युफैक्चरर्स ऐंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र जैन के अनुसार इस उद्योग को विकसित करने और विदेशी उत्पादों से मिल रही चुनौती का बखूबी मुकाबला करने के लिए सरकारी मदद की जरुरत है। छतरी उद्योग असंगठित और लद्यु उद्योग है, इसके बावजूद वैट और 16 फीसदी एक्साइज डयूटी कारोबारियों को अदा करनी पड़ती है जो इस उद्योग के लिए अच्छी बात नहीं है। इसका असर आम आदमी पर भी पड़ता है।

असंगठित होने की वजह से इस उद्योग का कुल कारोबार कितना है, यह कह पाना तो मुश्किल है। एक अनुमान के अनुसार साल भर में 60-70 दिन चलने वाले इस मौसमी व्यवसाय का कारोबार करोड़ रुपये से ज्यादा का है।

आपकी हिस्सेदारी

छातों का कारोबार छोटे स्तर पर किया जाता है। इसलिए उद्योग के आकार का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है लेकिन इस बाजार में आपके घरेलू छाते की हिस्सेदारी महज 3 प्रतिशत है। घरेलू छातों की बिक्री साल के कुछ खास दिनों में ही होती है जबकि अन्य छातों की मांग साल भर बनी रहती है।

बाजार में सबसे अधिक मांग प्रमोशनल छातों की होती है। प्रमोशनल छातों को मुख्यत: बैंकिंग, वित्तीय सेवा, बीमा, कोल्ड ड्रिंक और एफएमसीजी कंपनियां खरीदती हैं। इनका इस्तेमाल उत्पादों के प्रचार के लिए किया जाता है। इसके अलावा बाजार में बीच एम्ब्रेला, गार्डन एम्ब्रेला, कमर्शियल आउटडोर एम्ब्रेला की डिजायनर एम्ब्रेला भी काफी मांग है। प्रमोशनल छाते की कीमत 450 रुपये से 800 रुपये की बीच है।

First Published - June 12, 2008 | 9:40 PM IST

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