facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

दिल्ली पर भारी पड़ेगी उप्र में दूध की किल्लत

Last Updated- December 06, 2022 | 12:04 AM IST

उत्तर प्रदेश में लगातार चढ़ता पारा और घटती दूध की आपूर्ति आने वाले महीनों में दिल्ली को भारी पड़ने वाली है।


शहरी इलाकों में दूध की सप्लाई का अधिकांश काम संभालने वाली राज्य सरकार की कंपनी पराग मई और जून में दिल्ली के हिस्से का दूध बंद कर सकती है। पारा चढ़ने के साथ ही दिल्ली को उत्तर प्रदेश से होने वाले दूध की सप्लाई घट कर आधी रह गयी है।


प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) की संचालित कंपनी पराग के मेरठ और पश्चिमी भागों में संचालित संयत्रों से दिल्ली के कई हिस्सों में दूध की सप्लाई की जाती है। पराग डेरी ही प्देश में ज्यादातर शहरों में पैकेट वाले दूध की सप्लाई करती है। पीसीडीएफ के कार्यपालक अधिकारी एस सी गुप्ता के अनुसार मेरठ और नोयडा की डेरियों से मदर डेरी के ब्रांड का दूध दिल्ली भेजा जाता है।


उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में हर रोज दिल्ली को 6 लाख लीटर दूध उत्तर प्रदेश से जाता है जो कि आजकल घटकर 3 लाख लीटर से भी कम हो गया है। गुप्ता के मुताबिक अगर हालत नही सुधरे तो जल्दी ही सारी सप्लाई बंद करनी पड़ सकती है।


उत्तर प्रदेश के मिल्क कमिश्नर और प्रमुख सचिव डेरी अशोक कुमार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि गर्मी में बढ़ते तापमान के चलते दूध की सप्लाई पर असर पड़ता है और हर गर्मियों में ऐसा होता है। कुमार ने बताया कि फिलहाल पराग लखनऊ और बाकी शहरों में आराम से आपूर्ति कर रहा है पर असली किल्लत तो मई और जून में होगी जब उत्पादन और कम होगा।


उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली को आपूर्ति जारी है और इसे रोकने का कदम मई-जून में ही उठाया जाएगा। दिल्ली की दूध की सप्लाई काफी हद तक उत्तर प्रदेश पर निर्भर करती है।पराग डेरी के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य दिनों में रोज कंपनी को 10 लाख लीटर दूध उत्पादकों से मिलता है जो कि  गर्मी में घटकर 7-8 लाख लीटर रह जाता है।


पराग के पास इस समय दूध बनाने के लिए भरपूर मात्रा में पाउडर है और कंपनी का मानना है कि अन्य उत्पादों का बनना रोक कर दूध की सप्लाई की जरुरत पूरी की जो सकती है। गर्मी में उत्पादन घटने के बाद पराग के संयंत्रों में पनीर, खोया और अन्य उत्पाद बनाना कम कर दिया जाता है। ऐहतियात के तौर पर इस समय सरकार खोये,  पनीर, छेने और दूध से बनी मिठाइयों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा देती है। 


अशोक कुमार के अनुसार अभी इस तरह का कोई प्तिबंध नही लगाया गया है पर निकट भविष्य में इससे इंकार नही किया जा सकता है। गौरतलब है कि दूध के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का देश में पहला स्थान है और हर साल इसमें 10 फीसदी की बढ़त दर्ज की जा रही है।समूचे प्रदेश में 398 लाख लीटर दूध का कुल उत्पादन होता है जिसमें से पराग 10 से 15 लाख लीटर का प्रशीतन करती है।


पराग डेरी के महाप्रबंधक एस के प्रसाद ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि गर्मी की परेशानी को देखते हुए पाउडर और बटर क्रीम का इंतजाम कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पहली प्राथमिकता प्रदेश में दूध की सप्लाई को बनाए रखना है। इसके बाद अतिरिक्त उत्पादन होने पर ही दूसरे राज्यों को आपूर्ति की जाएगी।

First Published - April 28, 2008 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट