महाराष्ट्र सरकार कोरोना महामारी का हवाला देकर दो दिवासीय विधानमंडल का मॉनसून अधिवेशन की तैयारी में लगी है। विपक्ष अधिवेशन की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहा है। विपक्ष की मांग पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने और जल्द से जल्द विधानसभा अध्यक्ष के पद पर किसी को नियुक्त करने को कहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की मांगों के बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को 24 जून को पत्र लिखा। पत्र में मुख्यमंत्री से कहा है कि राज्य विधानमंडल के मॉनसून सत्र की अवधि बढ़ानी चाहिए और जल्द से जल्द विधानसभा अध्यक्ष के पद पर किसी को नियुक्त करने को कहा है। ओबीसी आरक्षण का मामला लंबित होने के कारण स्थानीय निकाय चुनाव भी नहीं कराए जाने चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में 23 जून को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात कर आगामी मानसून सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग की थी। राज्यपाल ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि क्योंकि ये तीनों मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हैं, कृपया इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें और उसकी जानकारी मुझे दें।
राज्यपाल के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राजभवन भाजपा कार्यालय बन गया है। एनसीपी प्रवक्ता नवाब मालिक ने विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव पर बोलते हुए कहा कि विधायकों की कोरोना रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव पर फैसला किया जाएगा और स्पीकर पद का चुनाव कराया जाएगा। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला साहेब थोराट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया दो दिनों के मानसून सत्र के दौरान ही पूरी हो जाएगी। महाराष्ट्र सरकार के सहयोगी दलों के बीच मतभेद की चर्चा भी जोर पर है जिस पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सबकुछ ठीक है। एमवीए सरकार को कोई खतरा नहीं है। सरकार को किसी तरह के खतरे के विपक्ष के दुष्प्रचार में कोई सच्चाई नहीं है। महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार में मतभेदों की अटकलों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने के एक दिन बाद राउत की ये टिप्पणियां आयी हैं। एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। ऐसी अफवाहें चल रही हैं कि शिवसेना अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा से सुलह करने पर विचार कर रही है।
विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार द्वारा केवल दो दिनों के लिए पांच और छह जुलाई को मानसून सत्र आयोजित करने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार विपक्ष के कठिन सवालों से बचने के लिए ऐसा कर रही है। महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिनों का मॉनसून अधिवेशन के नियमित कामकाज सहित भाजपा के आक्रामक होने की आशंका है। ऐसे में शिवसेना व्हिप जारी करके अपने सभी विधायकों को अधिवेशन के अंत तक हर सत्र में सदन में मौजूद रहने को कहा है। व्हिप पार्टी की ओर से शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने विधानसभा में शिवसेना के नेता के कार्यालय से जारी किया है। गौरतलब है कि इस वर्ष फरवरी में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।