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उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले ट्विटर पर राजनीतिक दलों की बढ़ी सक्रियता

Last Updated- December 11, 2022 | 9:15 PM IST

उत्तर प्रदेश में प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हैदराबाद (आईआईआईटी-हैदराबाद) और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के डेटा विश्लेषण से यह अंदाजा मिलता है कि चुनावी दंगल में उतरे पांच बड़े दलों में से चार दलों की जनवरी 2022 में ट्वीट की तादाद 2021 से अधिक थी। बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साझा किए गए डेटा दर्शाते हैं कि यह बढ़ोतरी 41 फीसदी तक थी। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के ट्वीट की औसत संख्या में 41 प्रतिशत की बढ़त थी जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए यह बढ़त 14.2 प्रतिशत और समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए 25.2 प्रतिशत तक थी। बड़े राजनीतिक दलों के ट्वीट में इतनी बढ़ोतरी नहीं दिखी है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ट्विटर पर गतिविधि में महज 1 प्रतिशत की तेजी आई लेकिन इस पार्टी ने अब तक सबसे ज्यादा ट्वीट किए हैं। पिछले साल जनवरी के मुकाबले कांग्रेस के ट्वीट में 19.7 प्रतिशत की कमी आई है। पार्टी के ट्विटर हैंडल के मुकाबले, पार्टी के प्रमुख नेताओं के अपने ट्विटर अकाउंट से अधिक ट्वीट किए गए हैं। मिसाल के तौर पर सपा के ट्विटर अकाउंट की तुलना में अखिलेश यादव के अकाउंट से ज्यादा ट्वीट किए जाते हैं। ऐसा ही रुझान भाजपा के योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस की प्रियंका गांधी और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के लिए भी सही है। आईआईआईटी-हैदराबाद और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के विश्लेषण में भाषा पर भी गौर किया गया है जिसका इस्तेमाल राजनीतिक दल अपने फॉलोअर से संवाद करने के लिए करते हैं। इसमें कहा गया है कि ट्विटर पर यह धारणा आम है कि यहां अंग्रेजी भाषी लोगों का दबदबा है लेकिन राजनीतिक दलों के ट्विटर हैंडल के विश्लेषण में पाया गया कि हिंदी का इस्तेमाल यहां व्यापक तौर पर होता है। सभी दलों के अधिकांश ट्वीट में हिंदी भाषा का योगदान है। सबसे ज्यादा सपा के 95.8 फीसदी ट्वीट हिंदी भाषा में किए गए जबकि इसके बाद रालोद का स्थान है जिसके 94.2 फीसदी ट्वीट हिंदी में किए गए। बसपा के 91.2 फीसदी जबकि भाजपा के 89.4 फीसदी ट्वीट हिंदी में किए गए। उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस के हिंदी ट्वीट सबसे कम महज 68.5 प्रतिशत रहे।
अध्ययन में कहा गया, ‘अक्टूबर 2021 और जनवरी 2022 के बीच सभी नमूना ट्वीट में से महज 14 फीसदी ही अंग्रेजी भाषा में थे। ज्यादातर ट्वीट हिंदी में थे और कभी-कभार अन्य भाषाओं का इस्तेमाल किया गया।’ दिलचस्प बात यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना में अखिलेश यादव के ट्वीट को ज्यादा रीट्वीट किया जाता है। वहीं प्रियंका गांधी के ट्वीट इन दोनों के मुकाबले ज्यादा बार रीट्वीट किए जाते हैं। कोविड-19 की वजह से नेताओं के प्रचार का दायरा कम होने की वजह से सोशल मीडिया की गतिविधि अब महत्त्वपूर्ण हो गई है। चुनाव आयोग ने रोड शो, रैलियों आदि पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया था जिसे फरवरी तक बढ़ा दिया गया था हालांकि संक्रमण के मामले में कमी दिखने लगी थी।
31 जनवरी को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘संक्रमण दर में गिरावट दिख रही है और अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों की संख्या में भी गिरावट के रुझान है। नियमों के तहत एहतियात बरतने की जरूरत है ताकि राजनीतिक गतिविधियों के बढऩे से सार्वजनिक संपर्क से संक्रमण न बढ़े।’ हालांकि जनसभाओं में अब 50 फीसदी क्षमता के साथ अनुमति मिल रही है। उत्तर प्रदेश चुनाव में सात चरणों में चुनाव होने हैं। दूसरा चरण सोमवार को खत्म हो गया। आखिरी चरण मार्च 2022 में खत्म होगा।
 

First Published - February 15, 2022 | 11:16 PM IST

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