करोना संक्रमण ने जीवन जीने के बहुत से तरीकों को बदल दिया है। ज्यादातर काम ऑनलाइन होने लगा है। इसका प्रभाव महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय पर्व गणेशोत्सव पर भी पड़ा है। गणेश मूर्तियों की ऑनलाइन बुकिंग के बाद प्रशासन ने पहली बार गणेश प्रतिमा के ऑनलाइन विसर्जन की शुरुआत की है। विसर्जन के दिन भीड़ को काबू करने के लिए कृत्रिम विसर्जन तालाबों के साथ ट्रकों में भी विसर्जन तालाब तैयार किए गए हैं जो चौराहों या फिर प्रमुख रास्तों पर खड़े किए जाएंगे।
राज्य में दिन-प्रतिदिन कोरोन संक्रमण की संख्या भी बढ़ रही है। गणेशोत्सव बस कुछ ही दिन दूर है। राज्य सरकार ने इस साल गणेशोत्सव को सादगी से मनाने की अपील की है। दूसरी ओर मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने विसर्जन के लिए नए नियमों की घोषणा की है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बीएमसी ने श्रीगणेशविसर्जन डॉट कॉम नाम से वेबसाइट शुरू की है जहां हर कोई गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकता है। विसर्जन के दिन भीड़ से बचने के लिए यह नई पहल की गई है। इस वेबसाइट में श्रद्धालुओं को विसर्जन की तारीख, जगह और वक्त के बारे में जानकारी देनी होगी। बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक विसर्जन स्थल पर भीड़ कम करने के लिए बीएमसी ऑनलाइन आवेदनकर्ताओं को विसर्जन का समय निर्धारित करेगा।
मुंबई महानगर पालिका ने सूचित किया है कि इस वर्ष संभाग स्तर पर एक मोबाइल गणेश मूर्ति संग्रह केंद्र भी शुरू किया जाएगा। मुंबई में कुल 70 प्राकृतिक विसर्जन स्थल हैं। इस साल 167 कृत्रिम विसर्जन स्थल बनाए गए हैं जो पिछले साल की तुलना में पांच गुना अधिक है। हाउसिंग सोसायटी के परिसर में नियंत्रण क्षेत्र में अस्थायी विसर्जन स्थलों के निर्माण की अनुमति भी दी गई है। विभागीय स्तर पर मोबाइल विसर्जन स्थल भी स्थापित किए गए हैं।
प्राकृतिक विसर्जन स्थलों के साथ-साथ कृत्रिम विसर्जन स्थलों से 1 से 2 किमी दूर रहने वाले लोगों द्वारा किया जाना चाहिए। नागरिक इस तरह के प्राकृतिक विसर्जन स्थलों में सीधे विसर्जित नहीं कर पाएंगे। इस स्थान पर मूर्ति संग्रह की व्यवस्था की जाएगी। नियम यह भी कहते हैं कि मूर्तियों को उस स्थान पर नगरपालिका द्वारा विसर्जित किया जाएगा। घर के गणपति का आगमन प्रति वर्ष स्थापना के एक दिन पहले या उसी दिन होता रहा है लेकिन इस बार गणेश चतुर्थी से तीन से चार दिन पहले मूर्ति ले जाने की अपील की गई है ताकि भीड़ को टाला जा सके।
गणेशोत्सव शुरु होने में अभी तीन-चार दिन शेष हैं, लेकिन बीएमसी की तरफ से विसर्जन की व्यवस्था का काम शुरू कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विसर्जन के लिए इस साल कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस वर्ष घर में भगवान गणेश के विसर्जन के लिए एक समय में पांच से अधिक भक्त नहीं आने चाहिए और विसर्जन के स्थान पर कोई आरती नहीं की जानी चाहिए। प्राकृतिक विसर्जन स्थलों के अलावा कृत्रिम झीलों की स्थापना की जा रही है। साथ ही मालवाहक ट्रकों पर आकर्षक कृत्रिम तालाब बनाए जाएंगे। ट्रक को डिवीजन के विशिष्ट स्थानों पर खड़ा किया जाएगा। बीएमसी के मुताबिक अगर ये ट्रक मूर्तियों से भर जाते हैं तो उन्हें विसर्जन स्थल पर ले जाया जाएगा और मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। यह काम बीएमसी के कर्मचारी करेंगे।
गणेशोत्सव का आरंभ ‘गणेश चतुर्थी’ पर्व से होता है जो इस साल 22 अगस्त को मनाया जाएगा। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण पिछले महीने राज्य सरकार ने गणपति मंडलों द्वारा स्थापित की जाने वाली मूर्तियों की ऊंचाई चार फुट तक ही रखने का आदेश दिया था। आदेश में कहा गया था कि घर पर स्थापित मूर्तियों की ऊंचाई दो फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
