करीब 17 साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर सूरजकुंड मेले में ‘हिंदुस्तान का दिल’ यानी मध्य प्रदेश को मुख्य राज्य के रूप में चुना गया है।
हरियाणा के सूरजकुंड में हर साल 1 से 15 फरवरी तक यह मेला आयोजित किया जाता है जिसमें देश विदेश के पर्यटक शामिल होते हैं। मध्य प्रदेश सरकार का पर्यटन विकास निगम इस मेले के लिए जोर शोर से तैयारियों में जुटा है।
निगम की योजना इस आयोजन में करीब 40 से 45 लाख रुपये निवेश करने की है। इस शिल्प मेले में मिस्त्र, थाईलैंड, ब्राजील समेत लगभग तमाम सार्क देश भाग लेते हैं।
मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अश्विन लोहानी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारे पास भीमबेटका जैसी विश्वस्तरीय विरासत है, जिसे हम पूरी दुनिया को दिखाना चाहेंगे। साथ ही हमारे हस्तशिल्प उत्पाद, लोकनृत्य और लोकगीत भी काफी लोकप्रिय हैं।’
उन्होंने बताया कि ‘अपना घर’ नाम से भील परिवार का एक प्रतिरूप भी इस मेले में रखा जाएगा, जो लोगों का ध्यान खींचेगा। देश भर के प्रतिष्ठित कलाकार इस मेले में मध्य प्रदेश की कला बिखेरने के लिए जुटेंगे। करीब 60 से अधिक शिल्पकार इस मेले में हस्तकला और हस्तशिल्प के अनुपम नमूने पेश करने को तैयार होंगे।
मालवा क्षेत्र की खासियतों में बाघ और बाटिक छपाई और चंदेरी और माहेश्वरी की साड़ियां प्रमुख हैं, जिनका नजारा यहां देखने को मिलेगा।निगम इस मेले में राज्य के मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड और भोपाल क्षेत्रों की सभी विशेषताओं की झलक दिखाने को तैयार है।
राज्य के हस्तकरघा नमूनों से पर्यटकों को रू-ब-रू कराने के लिए मेले में 14 फरवरी को एक फैशन शो का आयोजन किया जाएगा। राज्य के पर्यटन स्थलों की जानकारी देने के लिए एक प्रदर्शनी बस भी डिजाइन की गई है।