उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने वित्त वर्ष 2008-09 के लिए 1,793.03 करोड़ रुपये के सरप्लस वाला बजट पेश किया है।
बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। इसके विपरीत मुख्यमंत्री ने बजट के माध्यम से राज्य की जनता को कुछ राहतें देने का प्रावधान भी किया है।
खंडूड़ी के पास वित्त विभाग भी है। बजट पेश करते हुए खंडूड़ी ने बताया कि अगले वित्त वर्ष के दौरान तकरीबन 1155.30 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है।
जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.89 प्रतिशत है। यह राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) के तहत तय सीमा 3 प्रतिशत से कम है।
खंडूड़ी ने लगातार दूसरे साल सरप्लस वाला बजट पेश किया। बजट में कुल प्राप्तियों के 12,112.94 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि कुल खर्च 12,441.32 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है।
बजट में कुल राजस्व प्राप्तियां 10,456.56 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। जबकि कु ल राजस्व खर्च 8,662.53 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
बजट में 328.94 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान है। इसमें 250 करोड़ रुपये को सार्वजनिक खाते से पूरा किया जाएगा। क्लोजिंग बैलेंस के 62.25 करोड़ रुपये रहने की बात कही गई है।
जेंडर बजट को लगभग दोगुना कर दिया है। पिछले वित्तीय वर्ष में यह 333 करोड़ रुपये था जबकि इस साल यह आंकड़ा 656 करोड़ रुपये है। खंडूड़ी ने केंद्रीय बजट की काफी आलोचना की थी।
उन्होंने अपने राज्य के लोगों को बजट के जरिये कई सौगातें दी हैं। उन्होंने रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर वैट कम करके जनता को थोड़ी राहत देने की कोशिश की है।
आटा, मैदा, सूजी और दाल जैसी वस्तुओं पर वैट को 4 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है। जिन कारोबारियों का सालाना व्यापार एक करोड़ रुपये तक का है उनके लिए वैट ऑडिट की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।