केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि किसी भी इलाके में लगाई जाने वाली जलविद्युत परियोजना को अब स्थानीय विकास के लिए 1 फीसदी अतिरिक्त बिजली देनी पड़ेगी।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि जिन परिवारों को इस परियोजना की वजह से अपने स्थान से विस्थापित किया जाएगा उन्हें 100 इकाई बिजली मुफ्त दी जाएगी।
साल 2008 और उसके बाद लगने वाली विद्युत परियोजनाओं के चलते विस्थापित प्रत्यके परिवार को यह बिजली अगले दस सालों तक दी जाती रहेगी।
शिंदे टिहरी के डिबनू में टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (टीएचडीसी) के इंजीनियरिंग कॉलेज और जलविद्युत संस्थान का शिलान्यास करने आए थे। इस घोषणा के बाद राज्य में स्थापित बिजली संयंत्र की 13 फीसदी बिजली राज्यों को मुफ्त में दी जाएगी।
जबकि अब तक सरकार संबंधित राज्यों को 12 फीसदी बिजली ही मुफ्त मुहैया कराती थी। शिंदे बताया कि पुनर्वास नीति के तहत अब यह भी तय किया गया है कि किसी भी बिजली परियोजना के शिलान्यास के साथ ही वहां के विकास से संबंधित कार्य भी शुरू किए जाएंगे।
इन्हीं कार्यक्रमों के तहत इंजीनियरिंग कालेज तथा अन्य संस्थान भी खोले जाएंगे। शिंदे ने कहा, ‘जहां तक पुनर्वास की बात है तो हम इस काम में पूरा सहयोग करेंगे।’