दिल्ली सरकार विकास कार्यों पर बजट खर्च करने में काफी पिछड़ गई है। चालू वित्त वर्ष के 10 महीनों में सरकार बजट में विकास कार्यक्रमों के लिए आवंटित राशि का करीब 42 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च कर पाई है। ऐसे में इस वित्त वर्ष खर्च में 40 फीसदी तक गिरावट आ सकती है। कोरोना महामारी को देखते हुए जनस्वास्थ्य मद में जरूर सरकार ने बजट में आवंटित राशि से ज्यादा खर्च किया है। ग्रामीण विकास, ऊर्जा, उद्योग, नागरिक आपूर्ति, खेल व युवा कल्याण जैसे विभागों में बजट में आवंटित राशि का 10 फीसदी हिस्सा भी खर्च नहीं हुआ है।
दिल्ली सरकार ने वर्ष 2020-21 के बजट में विकास कार्यक्रम-योजनाओं पर खर्च के लिए 29,500 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस वित्त वर्ष शुरुआती 10 महीनों में 12,040 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं, जो आवंटित राशि का 42 फीसदी है। कम खर्च के बारे में दिल्ली सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि कोरोना के कारण इस वित्त वर्ष विकास कार्यों पर काम बाधित रहा। जिससे खर्च में कमी आई है। सरकार से खर्च में सुस्ती को देखते हुए खर्च के अनुमान को 29,500 करोड़ रुपये से घटाकर 23,270 करोड़ रुपये संशोधित कर दिया था। हालांकि इस संशोधित खर्च का भी 10 महीनों में 51.74 फीसदी हिस्सा ही खर्च हो पाया है। अब तक खर्च के माहौल को देखते हुए इस वित्त वर्ष खर्च में 40 फीसदी तक कमी आ सकती है।
तमाम विभागों के खर्च में सुस्ती के बीच जनस्वास्थ्य के मद में खर्च 10 महीने में ही बजट आवंटन से भी ज्यादा हो चुका है। बजट में 6,69 करोड़ रुपये आवंटन की तुलना में 7,87 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। हालांकि सरकार ने कोरोना के कारण इस मद में आवंटन बढ़ाकर 1,419 करोड़ रुपये कर दिया है।
विकास कार्यक्रमों के मामले में बजट में सबसे ज्यादा 5,721 करोड़ रुपये सामान्य शिक्षा के मद में आवंटित हुए थे, इस आवंटन का 43 फीसदी ही खर्च हुआ है। ग्रामीण विकास विभाग के आवंटित 408 करोड़ रुपये में से महज 1.55 करोड़ रुपये, उर्जा विभाग के लिए आवंटित 125 करोड़ रुपये में से 7.98 करोड़ रुपये, उद्योग विभाग के लिए आवंटित 61 करोड़ रुपये में से 3.98 करोड़ रुपये, परिवहन विभाग के लिए आवंटित 4,328 करोड़ रुपये में से 1,383 करोड़ रुपये, शहरी विकास के लिए आवंटित 3,329 करोड़ रुपये में से 9,68 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं।
