मध्य प्रदेश में अब बिजली महंगी हो जाएगी। बिजली नियामक ने वर्ष 2008-09 के लिए बिजली की दरों में 2.76 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की है।
प्रस्तावित बढ़ोतरी से बिजली वितरण कंपनियों की झोली में 240 करोड़ रुपये का इजाफा होगा जबकि आम उपभोक्ताओं को बढ़ी दरों के कारण 15 अप्रैल से अपनी जेबें अधिक ढ़ीली करनी पड़ेगी।
मध्य प्रदेश बिजली नियामक आयोग के अध्यक्ष जे एल बोस ने आज कहा कि शहरी क्षेत्रों के ऐसे घरेलू उपभोक्ताओं पर इस बढ़ोतरी का कोई असर नहीं होगा जिनकी मासिक खपत 100 यूनिट तक है। हालांकि 100 से लेकर 1,000 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को 10 से लेकर 70 रुपये तक अधिक चुकाने पड़ सकते हैं। इन उपभोक्ताओं से लेवी के तौर पर एक तयशुदा रकम ली जाएगी।
नियामक ने कहा कि कृषि उपभोक्ता श्रेणी को प्रति यूनिट 15 पैसे का अधिक भुगतान करना होगा। इसी तरह भारी मात्रा में उच्च वोल्टेज बिजली का इस्तेमाल करने वालें को प्रति यूनिट 10 पैसा अधिक चुकाना होगा। नियामक ने उच्च दाबीय सार्वजनिक जल आपूर्ति संयंत्रों और सिंचाई पंपों के लिए भी दरों में बढ़ोतरी की सिफारिश की है। इसके कारण स्थानीय जल आपूर्ति निकाय उपभोक्ताओं के लिए पानी आपूर्ति के बिल को भी बढ़ा सकतीं हैं।
उच्च दाब वाले जल आपूर्ति संयंत्रों और सिंचाई पंपों के लिए तयशुदा शुक्ल में 11 किलोवाट उपभोग के लिए 10 पैसे, 33 किलोवाट उपभोग के लिए 15 पैसे, 132 किलोवाट उपभोग के लिए 20 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। सार्वजनिक जल आपूर्ति संयंत्रों के लिए भी बिजली अब 15 पैसे प्रति यूनिट महंगी होगी। बोस ने कहा कि यदि स्थानीय निकाय वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें मौजूदा दरों में पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
इसी तरह किसानों को भी ऊर्जा की बचत करने वाले सिंचाई पंपों का इस्तेमाल पर छूट दी जाएगी। इस समय विभिन्न क्षमता की सिंचाई परियोजनाओं के लिए 10 पैसे से लेकर 30 पैसे प्रति यूनिट तक की छूट दी जाती है। इसे बढ़ाकर अब 15 पैसे से लेकर 45 पैसा किया जाएगा। राज्य में पहली बार बिजली नियामक ने शॉपिंग मॉल्स के लिए एक अलग श्रेणी बनाई है। इस श्रेणी के तहत मॉल्स को कई प्वाइंट वाले कनेक्शन की जगह सिंगल प्वाइंट कनेक्शन दिया जाएगा।
निम्न वोल्टेज वाले शहरी औद्योगिक उपभोक्ताओं को 5 हार्सपॉवर से लेकर 25 हार्सपॉवर पर 5 रुपये की राहत दी गई है। हालांकि 25 हार्सपॉवर से अधिक के उपभोग पर किराए में कोई भी फेरबदल नहीं किया गया है। लेकिन इन उपभोक्ताओं के लिए तयशुदा किराए में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इस फैसले से कुल किराए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।