बढ़ती महंगाई ने कोलकाता के पूजा आयोजनों पर भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। महंगाई के बोझ से दबी पूजा समितियों को पूजा आयोजनों के लिए अपने बजट में फेरबदल करना पड़ रहा है। खाद्य पदार्थों, बिजली और पंडाल निर्माण के लिए जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़े हैं और इस वजह से शहर में तमाम पूजा आयोजनों का बजट भी 1-3 लाख रुपये तक बढ़ गया है।
नवरात्र में पूजा पंडालों में पांच दिनों तक देवी को भोग चढ़ाया जाता है और ऐसे में खाद्य पदार्थों और पूजा की अन्य सामग्री महंगी होने की वजह से दुर्गा पूजा समितियां अपने बजट में फेरबदल करने के लिए मजबूर हैं। साथ ही कुछ पूजा समितियां अब प्रसाद की सूची में से खाद्य पदार्थों को कम करने की योजना भी बना रही हैं। शहर की एक प्रमुख दुर्गा पूजा आयोजन समिति जोधपुर पार्क साराडिया उत्सव कमेटी (जेपीएसयूसी) ने पिछले साल 2.8 लाख रुपये का बजट बनाया था, पर इस साल इस बजट को बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करना पड़ा है। इसी के साथ इस बार भोग को तैयार करना भी समिति के लिए बड़ी समस्या बन गई है। पिछले साल खाद्य तेल की कीमत 58 रुपये प्रति किलो थी पर इस बार यह बढ़कर 75 रुपये हो गई है।
कोलकाता की पूजा आयोजक समिति बड़मतला अशार संघ के शुभजीत सरकार ने बताया कि इस साल बजट 2.5 लाख रुपये तक बढ़ा कर 12 लाख रुपये करना होगा। सरकार ने बताया कि आमतौर पर हर साल बजट को एक लाख रुपये तक बढ़ाना पड़ता है, पर इस साल चीजों के दाम खूब बढ़े हैं।
इस साल देवी की मूर्तियों की कीमतों में औसतन 1,000 से 2,000 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल 12 फुट की 40 हजार रुपये वाली मूर्ति आज 42,000 रुपये की है।