Delhi Earthquake Today: दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। झटकों के बाद कुछ इलाकों में लोग घबराकर घरों और ऑफिस से बाहर निकल आए।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप सुबह 9:04 बजे आया। इसका केंद्र झज्जर (हरियाणा) में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का लोकेशन 28.63°N अक्षांश और 76.68°E देशांतर पर दर्ज किया गया है।
EQ of M: 4.4, On: 10/07/2025 09:04:50 IST, Lat: 28.63 N, Long: 76.68 E, Depth: 10 Km, Location: Jhajjar, Haryana.
For more information Download the BhooKamp App https://t.co/5gCOtjcVGs @DrJitendraSingh @OfficeOfDrJS @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia pic.twitter.com/uDNjvD8rWT— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) July 10, 2025
पाकिस्तान में 9 जुलाई 2025 को दोपहर 1:32 बजे भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1 मापी गई। राहत की बात यह है कि अब तक किसी तरह के नुकसान या जनहानि की खबर नहीं है। स्थानीय प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए बताया:
“EQ of M: 4.1, On: 09/07/2025 13:32:50 IST, Lat: 30.72 N, Long: 69.80 E, Depth: 10 Km, Location: Pakistan”
इससे पहले जुलाई के शुरुआत में ही पाकिस्तान के मध्य हिस्से में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र मुल्तान से 149 किमी पश्चिम में था और गहराई सिर्फ 10 किलोमीटर थी। उस समय लोगों ने तेज झटके महसूस किए थे और काफी दहशत का माहौल बन गया था।
पृथ्वी के नीचे 7 बड़ी टेक्टॉनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार हलचल करती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो उस स्थान को फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार की टक्कर से प्लेटों के कोने मुड़ने लगते हैं और एक समय पर वो टूट जाती हैं। जब ये टूटती हैं, तो अंदर की भू-ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजती है और इससे भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र (Epicenter) वह जगह होती है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल होती है। यहां कंपन सबसे ज्यादा महसूस होता है।
जैसे-जैसे इस केंद्र से दूरी बढ़ती है, झटकों की तीव्रता कम होती जाती है। अगर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे ज्यादा हो, तो 40 किमी तक का इलाका जोर से हिल सकता है। कंपन की दिशा भी अहम होती है। अगर कंपन ऊपर की तरफ हो, तो असर कम जगह पर होगा, लेकिन अगर यह चारों ओर फैले, तो बड़े इलाके को प्रभावित कर सकता है।